चरखी दादरी जिले के कई गांवों के किसानों व प्रचायत प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर राज्य सरकार के प्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं का विरोध किया जाएगा. किसान पंचायत ने यह भी फैसला लिया है कि सरकारी प्रतिनिधियों और बीजेपी नेताओं को गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा. किसान पंचायत के प्रतिनिधियों ने कहा कि हमलोगों ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. महापंचायत में जिले के 17 गांवों के किसानों को मुआवजा राशि बढ़ोतरी सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. गांव मकड़ाना में जिले के कई गांवों के किसान व ग्रामीणों की महापंचायत सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई. मंदिर परिसर में आयोजित किसान महापंचायत में कई अहम फैसले लिए गए.
पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि जिले के 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण का प्रति एकड़ दो करोड़ मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार व सरकार के प्रतिनिधियों का विरोध करेंगे और उनको गांवों में नहीं घुसने देंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए.
किसान पंचायत में पहुंचे पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि क्षेत्र के किसान व ग्रामीण एकजुट हैं और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि लंबे समय से किसानों द्वारा धरना देने के बावजूद उनकी मांगें नहीं सुनी गई है, इसलिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित जिले के सभी 17 गांव सरकार का विरोध जारी रखेंगें.
किसान पंचायत की अध्यक्षता कर रहे सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने बताया कि पंचायत में किसानों व ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसला लिया है. सरकार या तो उनकी मांगें पूरी करें अन्यथा एक सप्ताह बाद सरकार के प्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं का गांवों में घुसने पर रोकते हुए विरोध करेंगे.