पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वो बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। टीएमसी प्रमुख ने ये आरोप चुनाव आयोग के उस फैसले पर लगाए हैं, जिसमें उसने पश्चिम बंगाल के चार आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया था। ममता ने चुनाव आयोग के निर्णय को पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया।
ममता बनर्जी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि चुनाव आयोग के पैनल का आईपीएस अधिकारियों को हटाने का फैसला पूर्वाग्रह से प्रेरित है। ये काम भारतीय जनता पार्टी के कहने पर लिया गया है। चुनाव आयोग ने अच्छे अधिकारियों को बदला है लेकिन ये हमें प्रभावित नहीं करेगा। अगर आपको हटाना है तो मुझे सबसे पहले हटाएं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग के समूह ने चार पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का आदेश दिया है। इसमें कोलकाता और बिधाननगर के कमिश्वर शामिल है। इन सबकोचुनाव से संबंधित कतर्व्यों से अलग कर दिया गया है।
‘विशेष पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर लिया फैसला’
कमीशन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मुझे यह बताने के लिए निर्देशित किया गया है कि आयोग ने पश्चिम बंगाल राज्य की चुनाव तैयारियों की समीक्षा की है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के संबंध में तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण और पोस्टिंग करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग के पैनल का फैसला पश्चिम बंगाल के लिए विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे की सौंपी रिपोर्ट पर आधारित है।
पश्चिम बंगाल में कब हैं चुनाव?
चुनाव आयोग ने इस बार पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराने का फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल में पहले चरण में दो सीटों पर मतदान 11 अप्रैल को होगा। वहीं आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी। गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी ने राज्य की 42 सीटों में से 34 में जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस को 4,सीपीएम और बीजेपी को 2-2 सीटें मिली थी।