देश में लोकसभा चुनाव नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी वादों पर लड़ा जा रहा है. इन दावों और वादों को लेकर दोनों ही दलों की तरफ से आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. देशभर में चुनाव भले ही भाजपा की ओर से पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को चेहरा बनाकर लड़ा जा रहा हो, लेकिन हाल ही में विधानसभा चुनाव से गुजरे छत्तीसगढ़ में स्थितियां अलग हैं.
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बनाम पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी रहेगा. वजह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल हैं तो भाजपा का चेहरा पूर्व सीएम और संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह हैं. विधानसभा चुनाव में इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला था. एक वजह ये भी कि इन्हीं दो नेताओं के नेतृत्व और रणनीति पर कांग्रेस-भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा. अब लोकसभा चुनाव में यही दोनों चेहरे आमने-सामने हैं, भले ही ये दोनों ही प्रत्याशी नहीं हैं. दोनों नेताओं पर दबाव है कि वे अपने दल को अधिक से अधिक लोकसभा सीटों पर जीत दिलाएं.
डॉ. रमन सिंह साल 2003 से लगातार 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे. इस कारण प्रदेश में भाजपा का वही चेहरा थे. पार्टी ने 2018 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के चेहरे पर लड़ा. डॉ. रमन के साथ ही 2018 के चुनाव में 12 मंत्री चुनाव मैदान में थे. डॉ. सिंह के अलावा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले और अजय चंद्राकर को ही जीत मिल सकी. अन्य सभी मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा.
File Photo.
विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार की जिम्मेदारी खुद डॉ. रमन सिंह ने ली. जबकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि जनता की नाराजागी डॉ. रमन सिंह से नहीं बल्कि सरकार के हिस्सा रहे मंत्री व दूसरे नेताओं से थी. शायद यही कारण था कि करारी हार के बाद भी भाजपा आलाकमान ने डॉ. रमन सिंह को संगठन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया. वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव 2018 में 90 में से 68 सीटें कांग्रेस की झोली में आने का श्रेय जिन चुनिंदा नेताओं को दिया गया, उनमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल का नाम सबसे आगे था, जिन्हें संगठन ने मुख्यमंत्री का ताज भी पहनाया.
भाजपा के प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे के साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा पिछले पांच साल में किए गए जनहित व राष्ट्रहित के कार्यों को लेकर ही हम लोकसभा चुनाव में उतर रहे हैं, लेकिन प्रदेश में इनके साथ ही डॉ. रमन सिंह की भूमिका भी काफी अहम है. प्रदेश संगठन का वे प्रमुख चेहरा हैं. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि देश में मोदी सरकार के 60 महीनों के काम पर छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार का 60 दिन का काम ही भारी है. निश्चिततौर लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा हैं.