नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण(अन्य पिछड़ा वर्ग) पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई होनी है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि आठ मार्च 2019 को मप्र की कमलनाथ सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दी थी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने कोर्ट में दलील दी थी कि SC/ST और ओबीसी को मिलाकर आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक नहीं हो सकता। इसके बावजूद ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार याचिकाकर्ताओं सहित अन्य सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है।
याचिकाकर्ताओं ने वकील के जरिए कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि नीट-2019 परीक्षा में उन्होंने अच्छे अंक हासिल किए हैं और अब वो प्रीपीजी काउंसलिंग के जरिए मनपसंद पीजी मेडिकल सीट चाहते हैं। लेकिन ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलने की सूरत में उनका सपना टूट सकता है। हाई कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन पर रोक लगा दी थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई है।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ये बोले थे कमलनाथ
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान जारी कर ओबीसी आरक्षण के प्रति सरकार के वचनबद्ध होने की बात कही थी। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि सरकार ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए हाई कोर्ट के फैसले को लेकर कानून के जानकारों से सलाह लेगी। सात दिन के भीतर जवाब पेश किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु का हवाला देते हुए कहा था कि, वहां भी पचास फीसद से ऊपर आरक्षण है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने के अपने वादे को पूरा करने की कोशिश करेगी ।