कुआलालंपुर। भारत विश्व में सबसे हल्के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान तेजस से दुनियाभर के देशों को प्रभावित करना चाहता है। यह विमान पहली बार मलेशिया में 26 मार्च से शुरू होने जा रही 5 दिवसीय लंगकावी इंटरनेशनल मेरीटाइम एंड एयरोस्पेस प्रदर्शनी (लीमा) में भाग लेगा।
वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि मलेशिया सरकार अपनी वायुसेना के लिए इस विमान को खरीदना चाहती है। बता दें कि एयरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी (एडीए) की तरफ से भारतीय वायुसेना व भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन किए गए तेजस का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने पूरी तरह भारत में ही किया है।
लीमा में हिस्सा लेने के लिए दो लड़ाकू विमान, 50 लोगों की टीम के साथ मलेशिया पहुंच गए हैं। यह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यहां 26 मार्च से शुरू हो रहे आयोजन में अपनी एयरोबैटिक्स, फुर्ती और हैंडलिंग का भी प्रदर्शन करेंगे। कुआलालंपुर में स्थित भारतीय उच्चायोग के डिफेंस अटैच अनिरुद्ध चौहान ने कहा कि तेजस को मलेशिया ने दूसरे विमानों में चुना है।
मलेशिया के पास चीन और पाकिस्तान द्वारा निर्मित जेएफ-17 और दक्षिण कोरिया का एफ/ए-50 जैसा भी विकल्प था, लेकिन उन्होंने तेजस को ज्यादा तवज्जो दी। स्थानीय मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री महाथिर की पाकिस्तान यात्रा से इस काम में झटका लग सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर लीमा का प्रदर्शन बढ़ा है। वहीं, दक्षिण चीन सागर में चीन की मौजूदगी में भी इजाफा हुआ है। भारत ने लीमा 2019 में भाग लेने के लिए अपने 350 प्रतिभागियों को भेजा है।