हरपालपुर
भाजपा सरकार के समय शुरू की गई संबल योजना को प्रदेश की नई सरकार ने नया सबेरा नाम से संचालित करके 100 यूनिट का भुगतान 100 रुपए लेने के निर्देश दिए थे, लेकि न हरपालपुर के ग्राम चपरन में ग्रामीणों को 100-100 यूनिट का बिल एक हजार रुपए से अधिक लेकर वसूला जा रहा है। इसके लेकर लोगों में असंतोष पनप रहा है।
भाजपा शासन काल में संबल योजना शुरु की गई थी। यह योजना सही तरीके से क्रियांवित हो पाती उसके पहले ही चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और नई सरकार ने संबल योजना का नाम बदलकर नया सबेरा योजना कर दिया। इस योजना में भी प्रावधान कि या गया था कि 100 यूनिट का बिल 100 रुपए और 200 यूनिट का बिल 200 रुपए लिया जाएगा इसके बाद यूनिट आने पर बिल की राशि में बढ़ोतरी होगी। कि सानों के हाथ में जब बिजली विभाग ने बिल थमाए तो उनके होश उड़ गए दरअसल चपरन में जिन कि सानों का बिजली बिल 100 यूनिट का आया है उन्हें एक हजार से अधिक राशि के बिल और जिनकी खपत 200 यूनिट तक हुई है उन्हें दो हजार से रुपए से अधिक का बिल दिया गया है। ऐसे में कि सानों व ग्रामीणों को विद्युत कंपनी और सरकार के प्रति असंतोष पनपना शुरू हो गया है। कि सानों का कहना है कि जब उनसे मनमाने बिल की वसूली की जाना है तो भला उन्हें योजना से क्यों जोड़ा गया है या फिर प्रावधान के अनुसार बिल सरकारी खजाने में जमा करके ऊपर की राशि विभाग के अधिकारी हड़पने की कोशिश में है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस ओर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो न्याय पाने के लिए ग्रामीण आंदोलन शुरू कर देंगे।
कथन
ग्रामीणों के दस्तावेज योजना का लाभ दिलाने के लिए जमा हुए थे। पात्र हितग्राही को नया सबेरा योजना के तहत बिल जारी कि ए गए हैं। योजना सही तरीके से शुरू होती इसके पहले आचार संहिता लग गई इस कारण नए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाए। हो सकता है जिन ग्रामीणों के दस्तावेज जमा हुए हैं उनकी जानकारी एक्टीवेट न हो पाई हो। अगर योजना का लाभ लेने की पात्रता रखते हैं तो आचार संहिता समाप्त होने के बाद उन्हें योजना का लाभ मिलने लगेगा।
अनिल कु मार खरे
ओआईसी विद्युत कंपनी, हरपालपुर
बढ़े बिल दिखाकर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
हरपालपुर के अंतर्गत ग्राम चपरन में ग्रामीणों ने 100-200 यूनिट बिजली खपत के बाद मिले एक हजार व दो हजार से अधिक राशि के बिल दिखाते हुए बिजली कंपनी के अधिकारियों और सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। चपरन निवासी हरिकि शन भदौरिया का बिजली बिल 1996 आया है। इसी तरह कै लाश भदौरिया का 1188 रुपए, रामदेवी रैकवार, भज्जू रैकवार, इमरत कु शवाहा, पुष्पा कु शवाहा, संगीता कु शवाहा के बिल भी हजार रुपए से अधिक आए हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि जब मनमाने बिल ही लेना है तो उन्हें बिल में रियायत और निर्धारित खपत के निर्धारित राशि वाले बिल देने का भरोसा क्यों दिया गया। ठीक इसी तरह कई और गांवों में लोगों ने भी 100 से 200 यूनिट बिजली खपत करने के बाद कंपनी द्वारा थमाए गए बिल दिखाते हुए विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई है।