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छत्तीसगढ़ : शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने उठाए जा रहे कड़े कदम

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लोकसभा के आम चुनाव 2019 को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ में शराब और अन्य नशीलें पदार्थो के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग ने अपने सभी मैदानी अधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
इस सिलसिले में आबकारी आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से वीडियो कॉन्फ्रेंिसंग के जरिये प्रदेश के सभी जिला आबकारी अधिकारियों की बैठक ली। उन्होेंने अधिकारियों से कहा कि चुनाव की अवधि में विभाग को अतिरिक्त सतर्कता और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। शराब और मादक पदार्थो के संभावित तस्करी, अवैध परिवहन और अवैध कारोबार को रोकने के लिए सभी अधिकारियों अपने-अपने जिलों में कलेक्टर के साथ समन्वय बनाकर उनके मार्गदर्शन में जरूरी कदम उठाएं। डॉ. कमलप्रीत सिंह ने अधिकारियों को हर जिले में आबकारी नियंत्रण कक्ष चौबीसों घण्टे लगातार संचालित करने और उनमें प्राप्त होने वाली शिकायतों के त्वरित निराकरण के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष राजधानी रायपुर में आबकारी भवन परिसर स्थित मार्केटिंग कार्पोरेशन में संचालित किया जा रहा है, जिसका टोल फ्री नम्बर 14405 है।
आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि छत्तीसगढ़ की अंतर्राज्यीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए। अन्य राज्यों से लगी छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर अवैध शराब की संभावित आवक और तस्करी रोकने के लिए चिन्हंाकित स्थानों पर अस्थायी चेक पोस्ट भी स्थापित किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा अस्थायी चेक पोस्ट के लिए सीमावर्ती इलाकों में 17 स्थान चिन्हंाकित किए गए हैं। बैठक में जिला आबकारी अधिकारियों को इन स्थानों पर संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिस विभाग से समन्वय कर चेक पोस्ट संचालित करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा अधिकारियों को ऐसे प्रत्येक चेक पोस्ट में वीडियो रिकार्डिंग अथवा सी.सी. टी.व्ही. कैमरे की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि छत्तीसगढ़ के सात पड़ोसी राज्यों-मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, तेलांगाना, आंध्रप्रदेश और झारखंड की सरहदों पर विशेष चौकसी की जाए। छत्तीसगढ़ के 27 में से 18 जिले इन पड़ोसी राज्यों की सरहदों से लगे हुए हैं। इनमें गरियाबंद, राजनांदगांव, कबीरधाम, धमतरी, महासमंुद, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, जशपुर, सूरजपुर, कोरिया, बस्तर, कांकेर, कोण्डागांव, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर शामिल हैं। आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों को सीमावर्ती जिलों में अंतर्राज्यीय समन्वय बैठकों के आयोजन के लिए भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 12 विभागीय आसवनियों और बाटलिंग यूनिटों, 23 भण्डारण गोदामों, 2 विदेशी मदिरा गोदामों, 373 देशी मदिरा दुकानों और 323 विदेशी मदिरा दुकानों को मिलाकर कुल 733 आबकारी केन्द्र है।
आबकारी आयुक्त ने इन सभी आबकारी केन्द्रों में स्थापित कुल तीन हजार 739 सी.सी.टी.व्ही. कैमरों को हमेशा चालू हालत में रखने और उनकी रिकार्डिंग का बैकअप रखने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि इन समस्त आबकारी केन्द्रों को मिलाकर  वर्तमान में तीन हजार 641 सी.सी.टी.व्ही. कैमरे चालू हालत में हैं। प्रदेश की सभी मदिरा दुकानों में औसतन चार सी.सी.टी.व्ही. कैमरे स्थापित हैं। आबकारी आयुक्त ने कहा कि शेष 98 सी.सी.टी.व्ही. कैमरों की जल्द से जल्द मरम्मत करवा ली जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि शराब विक्रय के प्रत्येक नग की जानकारी का रख-रखाव एनआईसी के सर्वर में किया जा रहा है।
आबकारी आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य स्तरीय और संभाग स्तरीय उडनदस्ते अपने-अपने कार्यक्षेत्र में लगातार दौरा आकस्मिक निरीक्षण जारी रखें। उन्होंने रायपुर, बिलासपुर और बस्तर के संभागीय उड़नदस्तों के अलावा लोकसभा चुनाव की अवधि में प्रदेश में दो अस्थायी उड़नदस्तों का गठन दुर्ग और सरगुजा राज्य संभागों में भी करने के निर्देश दिए। बैठक में राज्य के दोनों अपर आबकारी आयुक्त, तथा रायपुर, बिलासपुर और बस्तर संभागों के आबकारी उपायुक्त भी उपस्थित थे।

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