वाशिंगटन। अमेरिका की संघीय अदालत में न्यायाधीश पद के लिए भारतवंशी नेओमी राव के नाम पर मुहर लग गई है। बुधवार को अमेरिकी सीनेट द्वारा नेओमी राव के नाम का प्रस्ताव पास किया गया। 45 वर्षीय राव का चयन डीसी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में संघीय जज के तौर पर हुआ है। वह ब्रेड कावनाह की जगह लेंगी।
अमेरिका में इस कोर्ट का स्थान सुप्रीम कोर्ट के बाद है। शपथ ग्रहण के बाद इस कोर्ट में न्यायाधीश का पद संभालने वाली नेओमी दूसरी भारतवंशी बन जाएंगी। सीनेट में नेओमी के नाम पर मुहर लगने के बाद सदन में बहुमत दल के नेता मिच मैक कॉनेल ने कहा, “संघीय जज के तौर पर देश की सेवा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह चयन भी बेहतरीन है।”
वर्तमान में नेओमी अमेरिकी प्रशासन में सूचना एवं नियामक मामलों की अगुआई कर रही हैं। इस क्षेत्र में हुए सुधार का श्रेय उन्हीं को जाता है। इससे पहले वह लॉ की प्रोफेसर रह चुकी हैं। जॉर्ज बुश प्रशासन के दौरान नेओमी के पास स्पेशल काउंसल के तौर पर भी काम करने का भी अनुभव रहा है।
येल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान नेओमी विवाद में घिर गई थीं। उन्होंने महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचने के लिए अपने में भी बदलाव लाने की जरूरत बताई थी। इस पर उनका काफी विरोध हुआ था। विपक्षी डेमोक्रेटिक सांसदों ने नेओमी का कड़ा विरोध किया।
अमेरिकी सीनेट ने नेओमी के नाम को 46 के मुकाबले 53 मतों से मंजूरी दी। कुल 100 सदस्यों वाली अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है। अधिकार समूहों ने उनके खिलाफ देशव्यापी अभियान भी चलाया था। इस विरोध का कारण यौन उत्पीड़न तथा अल्पसंख्यकों के बारे में उनका रूख था।