छोटे भाई के साथ संजना की छुटपन की तस्वीर
मैंने उसे नहीं मारा, उसने मुझसे पानी मांगा था और मैंने दे दिया.
ये शब्द उस लड़की के हैं, जिसकी बोतल से पानी पीकर उसी की सहेली की मौत हो गई. मेरे बिना कुछ पूछे ही डरी हुई और शांति से बैठी लड़की एक ही सांस में सब अचानक बोल गई.
मामला उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार का है, जहां एक निजी स्कूल में संजना नाम की लड़की की मौत हो गई है. संजना केवल ग्यारह साल की थी. पुलिस की माने तो पूरा मामला लापरवाही का है.
क्या हुआ था उस दिन…?
संकरी गली में दो मंजिला बने इस स्कूल में नर्सरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होती है. हर दिन की तरह सभी बच्चे सुबह स्कूल आए थे लेकिन उस दिन चौथी क्लास की टीचर और प्रिंसिपल स्कूल नहीं आई थी, जिसकी वजह से चौथी और पांचवीं की क्लास को एक साथ बैठाया गया था.
दोनों क्लास का जिम्मा पांचवीं क्लास की टीचर आशा पर था. आशा उस हादसे के समय वहीं मौजूद थीं.
आशा बताती हैं, लंच टाइम था. सभी बच्चे खाना खाने के लिए इधर-उधर हुए. मुझ पर ही दोनों क्लास के बच्चों की ज़िम्मेदारी थी.
संजना और पिंकी ने एक साथ खाना खाया और अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. वो उल्टी करने लगी और तुरंत ही उसे हॉस्पिटल ले जाया गया.
संजना की तबीयत खराब होते ही आशा ने पिंकी से इस बारे में पूछा. आशा के मुताबिक पिंकी ने उन्हें बताया कि उसने खाना खा कर पानी पीया था. लेकिन हॉस्पिटल ले जाने के बाद पता चला कि संजना ने पानी नहीं तेजाब जैसा कुछ पीया है.
…लेकिन स्कूल में तेजाब आया कहां से?
पिंकी बताती हैं कि वो तो घर से पानी की बोतल लाई थी. लेकिन साथ में ही बैठी उनकी मां बताती हैं कि तेजाब की बोतल को पानी की बोतल समझकर पिंकी स्कूल ले गई थी.
दरअसल, पिंकी का 20 गज का घर इस तरह बना हुआ है कि रसोई और बाथरूम एकदम सटे हुए हैं और पिंकी की मां ने तेजाब टॉयलेट साफ करने के लिए रखा था.
एक कोने में पिंकी की मां भी डरी और सहमी हुई बैठी हुई है. वो इतना डरी हुई थी कि उनके मुंह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे.
बीबीसी को पूरा मामला समझाते हुए वे बताती हैं, ”पानी की और तेजाब की एक जैसी और हरे रंग की प्लास्टिक की बोतल थी. स्कूल जाते समय पानी की बोतल रसोई में नहीं मिली तो गलती से पिंकी बाथरूम के पास रखी तेजाब की बोतल ले गई.”
”जब स्कूल में लंच का समय हुआ तो पिंकी और संजना दोनों ने मिलकर खाना खाया, लेकिन पानी पहले संजना ने पिया और एक घूंट पानी पीते ही उसकी तबियत खराब हो गई.” थोड़ा रुक कर पिंकी की मां ने अपनी बात पूरी की.
पिंकी बताती है कि मैं और संजना क्लास तीसरी से दोस्त थे. और हमेशा ही साथ में खाना खाते थे. वो स्कूल के पास ही रहती थी और मेरा घर स्कूल से थोड़ी दूरी पर है.
जब पिंकी की मां से पूछा गया कि दिल्ली में तेजाब बेचना गैर-कानूनी है तो आप तेजाब घर में कैसे लाई?
रिक्शे वाला
इस पर पिंकी की मां बताती हैं कि हमने तेजाब टॉयलेट साफ करने के लिए था, जिसे गली की एक दुकान से खरीदा था.
इसके साथ ही वे बताती हैं…. मैडम हमने जानबूझकर कुछ नहीं किया है, जो हुआ सब गलती से हुआ. लेकिन सब कहते हैं कि वो (संजना का परिवार) लोग कहते हैं मैं सौतेली मां हूं इसलिए किया जबकि मैं ही इसकी सगी मां हूं. मेरे दो बच्चे हैं पिंकी और एक इससे बड़ा लड़का है. पति दो महीने से घर नहीं आए हैं काम के सिलसिले में बाहर ही रहते हैं.
संजना के घर जाने के लिए एक रिक्शे की मदद लेनी पड़ी क्योंकि रास्ता कच्चा और उबड़-खाबड़ था. दिल्ली के हर्ष विहार इलाके में ये वाकया हर एक की जु़बान पर है.
संजना का घर
स्कूल के पास ही संकरी गलियों के बीच संजना का भी घर है, लेकिन स्कूल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में है और संजना का घर पास में ही है, हालाँकि ये गाज़ियाबाद में पड़ता है.
संजना के शोक में उसके घर के बाहर कुछ रिश्तेदार बैठे थे. संजना की मां रानी भी उनके साथ ही बैठी थीं. रानी घर संभालती हैं और पति रात में बेलदारी करते हैं.
लगभग 20 गज का संकरा-सा घर है उनका, जिसमें सारा सामान इधर-उधर बिखरा हुआ था. एक दीवार पर संजना और उसके भाई की तस्वीर टंगी है जिस पर चढ़ा प्लास्टिक धुंधला गया है.
बाहर के कमरे में रसोई और नहाने और बरतन धोने की जगह थी.
संजना के घर के बाहर बैठे कुछ रिश्तेदार
बीबीसी से बातचीत में उनकी मां बताती हैं कि वो सुबह रोज़ाना की तरह स्कूल गई थी, लेकिन नौ बजे के आसपास उसके स्कूल से फ़ोन आया और मुझे फीस देने के लिए कहा गया. मैंने उनसे कहा कि मेरी बेटी को पेपर देने दो मैं जल्दी ही फ़ीस दे दूंगी.
इतना कहते ही रानी का गला भर आया. थोड़ा रुककर वो आगे बताती हैं, ”थोड़ी देर बाद ही स्कूल से दूसरा फ़ोन आया और मुझे कहा कि आपकी बेटी की तबीयत खराब हो गई है स्कूल आ जाइये. इसके बारे में मैंने संजना के पिता को कहा और वो स्कूल गए. जहां पता चला कि उसे हॉस्पिटल ले गए हैं.”
इसके बाद मैं और मेरे भाई स्कूल गए जहां संजना ने उल्टी की हुई थी. स्कूल में पूछने पर बताया गया कि उसने पानी पीया था और फिर उल्टी कर दी. हम जीटीबी हॉस्पिटल गए तो डॉक्टर ने बताया कि उसने पानी नहीं कुछ और ही पीया था.
संजना की मां और दूसरे रिश्तेदार स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि अगर वे पहले से बता देते कि उसने पानी नहीं तेजाब पीया है तो डॉक्टर उसी तरह उसका इलाज करते.
वो गुस्से में कहती हैं, ”संजना सुबह ग्यारह बजे एडमिट हो गई थी और रात साढ़े नौ बजे के आसपास उसने दम तोड़ दिया. इस दरमियान बच्ची तड़पती ही रही.”
थोड़ी देर में वहां संजना के मामा नरेंद्र भी पहुंचते हैं. संजना के मामा ही पुलिस की भागदौड़ कर रहे हैं.
वे बीबीसी को बताते हैं कि हमें तो ये मामला जानबूझकर किया गया लगता है. और अगर इसमें हमारी लड़की नहीं तो उनकी बेटी को मारने की साजिश की गई थी. अगर ऐसा न होता तो वो लड़की भी उस बोतल से एक बार तो पानी पीती. और उसने नहीं भी पिया तो उसकी मां ने उसे तेजाब की बोतल दी ही क्यों!
दायीं तरफ़ संजना की ताई और बायीं तरफ़ संजना की मां बैठी हैं.
हालांकि स्कूल मंगलवार के बाद से अभी खुला नहीं हैं.
वे आगे जोड़ती हैं कि जाने से पहले उसने बयान भी दिया है जिसकी वीडियो उन्होंने हमें दिखाई. वीडियो में संजना स्कूल की ड्रेस में हैं, उसके होंठ जले हुए हैं. आंखे चढ़ी हुई हैं जैसे किसी भी वक्त वो नींद की अवस्था में चली जायेगी.
वीडियो में संजना की आवाज़ में दर्द है और वो अपनी तूतलाहटभरी आवाज में कहती दिख रही हैं, ”पिंकी से मैंने पूछा कि बहन तू पानी लाई है उसने कहा हां लाई हूं. फिर मैंने कहा कि बहन एक घूंट पिला दे. उसके बाद मुझे नहीं पता कि क्या हुआ मेरे साथ. पानी पीने के बाद मैं अचानक चिल्लाई और सब भागने लगे और सर जी को बुलाकर लाए. सर जी ने गाड़ी स्टार्ट की और मुझे लेकर आ गए. फिर मम्मी को फ़ोन किया. फिर मम्मी भी आई और पापा भी आए.”
वीडियो में एक व्यक्ति की आवाज सवाल पूछते हुए सुनाई दे रहें कि बोतल में से कितना पानी पिया और लड़की का नाम क्या था. जिसके जवाब में संजना बताती हैं कि एक घूंट पीया था और उसका नाम पिंकी है.
व्यक्ति आगे पूछ रहे हैं कि क्या वो तेरे साथ पढ़ती है?
संजना- नहीं वो चौथी क्लास की लड़की थी.
व्यक्ति- वो दूसरी क्लास की लड़की है.
संजना-हां, आज उसकी मैडम नहीं आई थी इसलिए वो मेरे पास बैठी थी.
नरेंद्र बताते हैं कि पुलिस को हॉस्पिटल के लोगों ने ही बुला लिया था. हम पुलिस स्टेशन बुधवार को गए थे और स्कूल प्रशासन और पिंकी के परिवार पर केस दर्ज़ करवाया है.
हर्ष विहार थाने से में मौजूद सब-इंस्पेक्टर राजीव कुमार ने बीबीसी को बताया कि पूरा मामला लापरवाही का है. आईपीसी की धारा 304ए के तहत मामला दर्ज़ कर लिया गया है. लेकिन अभी इसमें किसी का नाम नहीं आया है क्योंकि पूरा मामला लापरवाही का है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर कहते हैं कि इसी 5 मार्च को हमें जीटीबी हॉस्पिटल से जानकारी मिली कि एक बच्ची की तेजाब पीने से मौत हो गई है जिसने स्कूल में कुछ खाया और उल्टी कर दी थी.
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में तेजाब बेचना गैर-कानूनी है तो क्या ऐसे में जिसके घर में तेजाब मिलता है उस पर भी कोई केस बनता है? लेकिन उसका जवाब उन्होंने नहीं दिया और कहा कि अभी तहक़ीकात जारी है.