रायपुर। छत्तीगसढ़ के लोकसभा उम्मीदवारों के चयन में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस ने देशभर में लोकसभा की पहली सूची जारी कर दी है। वहीं, छत्तीगसढ़ के उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी में चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच, भाजपा उम्मीदवार चयन के अभियान में 21 दिन पिछड़ गई है।
दरअसल, भाजपा अभी अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने की कवायद में जुटी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 15 फरवरी को दौरा होना था। अगर शाह का दौरा टला नहीं होता, तो भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम पर मंथन शुरू कर चुकी होती। बहरहाल, अब भाजपा बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराजगी को दूर करने की कवायद में जुट गई है।
कट सकता है आठ सांसदों का टिकट
बूथ स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक सम्मेलन का खाका तैयार किया गया है। सांसदों को यह साफ संकेत दे दिया गया है कि अगर उनका टिकट कटता है, तो भी वे पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के पक्ष में काम करें। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने यह संकेत दिया है कि करीब आठ सांसदों के टिकट में बदलाव किया जाएगा। इससे पहले अमित शाह की कोर टीम ने जो सर्वे किया था, उसमें पांच सांसदों का टिकट काटने की सिफारिश की है। ऐसे में यह संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा पांच से आठ सांसदों के टिकट काट सकती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांच सांसदों रमेश बैस, दिनेश कश्यप, चंदूलाल साहू, कमला पाटले और विष्णुदेव साय का टिकट नहीं काटा था। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में विक्रम उसेंडी, अभिषेक सिंह, लखनलाल साहू, कमलभान सिंह, बंशीलाल महतो को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा और जीत मिली थी। यही फार्मूला इस बार भी दोहराने की तैयारी चल रही है।
भाजपा लोकसभा चुनावों में हर बार पांच उम्मीदवारों को बदल देती रही है। बिलासपुर में वर्ष 2004 में पुन्नू लाल मोहल, 2009 में दिलीप सिंह जूदेव और 2014 में लखन साहू को उम्मीदवार बनाया। वैसे ही राजनांदगांव में प्रदीप गांधी, मधुसूदन यादव और अभिषेक सिंह, सरगुजा में नंदकुमार साय, मुरारीलाल सिंह और कमलभान सिंह को उम्मीदवार बनाया। कोरबा में कस्र्णा शुक्ला और बंशीलाल महतो, कांकेर में सोहन पोटाई, विक्रम उसेंडी में बदलाव किया गया।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने अधिकतर सीट पर चेहरों का नाम तय कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक के बाद कहा कि ज्यादातर सीट पर नये चेहरों को मौका दिया जाएगा। पिछले चुनाव में कांग्रेस सिर्फ एक दुर्ग लोकसभा सीट पर जीती थी। यहां से सांसद ताम्रध्वज साहू वर्तमान में सरकार में मंत्री है।
उनको लोकसभा चुनाव लड़ाने का संकेत मिल रहा है। इसके साथ ही धनेंद्र साहू, डॉ चरणदास महंत को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया फोन करके हर लोकसभा में एक-एक नाम का सुझाव भी लिए हैं।