प्रधामंत्री मोदी मंगलवार (5 मार्च) को असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएमएसवाईएम) योजना की औपचारिक शुरुआत अहमदाबाद में की जाएगी. 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पेंशन योजना शुरू करने का ऐलान किया था. इसके तहत कामगरों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी. योजना के बारे में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है.
योजना के लिए 3.13 लाख साझा सेवा केंद्र बनाए
इस योजना से जुड़ने के लिए देशभर में कुल 3.13 लाख साझा सेवा केंद्र बनाए गए हैं. 15 फरवरी से इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. योजना को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को मिली है. योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए एलआईसी के बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके तहत असंगठित क्षेत्र के 18 से 40 वर्ष की आयु के कामगार योजना को अपनाने के पात्र होंगे. योजना से जुड़ने वाले कामगारों को उनके अंशदान पर 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी.
इतना देना होगा प्रीमियम
जानकारी के अनुसार स्वघोषणा के आधार पर योजना के लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी. पेंशन का लाभ लेने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं. यदि कोई लाभार्थी 18 साल की उम्र में इस स्कीम में हिस्सा लेता है तो उसे 55 रुपये प्रीमियम के तौर पर देना होगा. 29 साल की उम्र में योजना का हिस्सा बनने पर 100 रुपये मासिक का प्रीमियम देना होगा. 40 साल की उम्र में जुड़ने वालों को 200 रुपये का मासिक अंशदान करना होगा. इस योजना से असंगठित क्षेत्र के करीब 10 करोड़ कामगरों को फायदा मिलने की उम्मीद है.
योजना के तहत पंजीकरण कराने वालों को विशिष्ट आईडी नंबर भी जारी किया गया है. बजट भाषण के दौरान पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार की तरफ से असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाएगी. सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना का फायदा ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी महीने की आमदनी 15 हजार रुपये से कम है. सरकार के इस कदम का फायदा घरों में काम करने वाली मेड, ड्राइवरों, प्लबंर, रिक्शा चालकों और बिजली का काम करने वाले कामगारों को मिलेगा.