भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार देर रात मुस्लिम देशों के मंच आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए अबू धाबी पहुंच गई हैं. एयरपोर्ट पहुंचने पर यूएई के विदेश मंत्री ने उनका जोरदार स्वागत किया.
ओआईसी 57 देशों का एक प्रभावशाली समूह है. ऐसा पहली बार है जब भारत को ओआईसी की बैठक में बतौर ‘विशेष अतिथि’ आमंत्रित किया गया है. यहां पर सुषमा स्वराज दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगी.
हालांकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी झटका लगा है. पाकिस्तान को मुस्लिम देशों के मंच आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने आमंत्रित नहीं किया है. जबकि पाकिस्तान इस मंच का फाउंडिंग मेंबर भी है. वहीं गुरुवार को पाकिस्तान ने बयान जारी करके कहा कि वो सुषमा स्वराज के रहते इस बैठक में शामिल नहीं होगा.
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम है. अमेरिका समेत कई मुल्कों ने पाक से आतंक के खिलाफ कारवाई करने को कहा है, लेकिन पाकिस्तान ने लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. चीन छोड़ दुनिया का कोई भी देश अब पाकिस्तान के साथ खड़ा नज़र नहीं आता.
वहीं इस्लामिक देशों के इस मंच पर भी अब पकिस्तान अकेला पड़ गया है. इस्लामी सहयोग संगठन की 57 सदस्य हैं, जिनमें से 56 संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य हैं. अफगानिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, ब्रूनेई, मिस्र, गैबॉन, ईरान, इराक, जार्डन, कुवैत जैसे देश इसके सदस्य हैं.
OIC ने की थी भारत की कार्रवाई की निंदा
दिलचस्प बात ये है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उसी मंच से संबोधित करेंगी जिस मंच ने अब से कुछ दिन पहले भारत की कार्रवाई की निंदा की थी. सूत्र बताते हैं कि भारत इस मंच से ये साफ करेगा कि भारत की लड़ाई किसी देश से नहीं बल्कि आतंकवाद से है और भारत एक जिम्मेदार देश है जो युद्ध नहीं चाहता. इस मंच से एक बार फिर भारत पुलवामा हमले का जिक्र करेगा और पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहेगा.