रायपुर – बीते तीन साल से जिले के तकरीबन 3,52,724 लोग राशन दुकानों से अनाज तो उठा रहे हैं, लेकिन इनकी असली पहचान अब तक प्रशासन के पास नहीं है। अब ऐसे सदस्यों को 30 जून के बाद अनाज मिलना बंद हो जाएगा। बता दें कि फरवरी 2022 से ई-केवाईसी कराने के लिए बार-बार समय-सीमा बढ़ाई जा रही है। जिले में 6,45,681 राशनकार्ड के तहत 22,31,425 सदस्य पंजीकृत हैं। इनमें से 18,78,701 सदस्यों का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी 3,52,724 लाभार्थियों की प्रक्रिया शेष है।
सभी 485 उचित मूल्य की दुकानों पर ई-पास मशीनों के माध्यम से ई-केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है। बता दें कि एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड योजना के अंतर्गत आधार आधारित प्रमाणीकरण (ई-केवाईसी) अब अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत 30 जून तक जिले के सभी राशन कार्डधारियों को ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
फर्जीवाड़ा रोकने की दिशा में बड़ा कदम
खाद्य विभाग के अनुसार, राशन वितरण में फर्जीवाड़ा रोकने, राशनकार्ड को आधार से जोड़ने और फिंगरप्रिंट सत्यापन की व्यवस्था की गई है। यह प्रक्रिया प्रत्येक राशन कार्डधारी के सदस्यों के आधार सत्यापन और बायोमैट्रिक ई-केवाईसी पर आधारित है।
मुफ्त चावल की योजना लागू
सरकार ने गरीब परिवारों को आगामी पांच सालों तक निशुल्क चावल देने की घोषणा की है, लेकिन इस योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूर्ण होगा। ऐसे में शासन द्वारा बार-बार अपील की जा रही है कि बचे हुए लाभार्थी जल्द से जल्द निकटतम उचित मूल्य दुकान में जाकर यह प्रक्रिया पूर्ण करें।
ई-केवाईसी के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दिया गया था, जिसे अब अंतिम रूप से 30 जून 2025 तक बढ़ाया गया है। इसके बाद शासन के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी- भूपेंद्र मिश्रा, जिला नियंत्रक, खाद्य विभाग।