रायपुर – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में पाकिस्तानी जासूसी रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, जिसमें छत्तीसगढ़ समेत 8 राज्यों में 15 स्थानों पर छापेमारी की गई। यह ऑपरेशन 31 मई 2025 को दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल में चलाया गया। छापेमारी के दौरान NIA ने कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संवेदनशील वित्तीय दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (PIO) से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों से मिली।
जांच से पता चला कि संदिग्ध पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स के साथ मिलकर भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और इसके लिए वित्तीय लेन-देन कर रहे थे। NIA की यह कार्रवाई भारत विरोधी आतंकी साजिशों और जासूसी नेटवर्क को तोड़ने के लिए थी। हालांकि, छत्तीसगढ़ में किन जिलों में छापेमारी हुई, इसका स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है।
इसके अलावा, हाल ही में CRPF जवान मोती राम जाट की गिरफ्तारी भी इस रैकेट से जोड़ी गई, जो 2023 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था और संवेदनशील जानकारी लीक कर रहा था। जाट को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया और उसे CRPF से बर्खास्त कर दिया गया। NIA अब यह जांच कर रही है कि क्या यह जासूसी रैकेट पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले से जुड़ा है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
छत्तीसगढ़ कनेक्शन से खुली परतें
जांच में सामने आया कि जिन संदिग्धों के घर छापे मारे गए, उनके सीधे संबंध पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंसी के गुर्गों से थे। वे भारत में जासूसी गतिविधियों के लिए आर्थिक मदद का जरिया बने हुए थे। इस मामले में एनआईए ने पहले से दर्ज एक केस RC-12/2025/NIA/DLI के तहत छापेमारी को अंजाम दिया।