कभी बैसरन की वादियों में हनीमून मना रहे थे शुभम और आशान्या। शादी को महज़ 83 दिन हुए थे। कश्मीरी वादियों की सैर कर रहे इस जोड़े की खुशियां उस वक्त खून में डूब गईं, जब आतंकियों ने पहलगाम में टूरिस्टों पर हमला कर दिया। धर्म पूछकर मारे गए शुभम द्विवेदी…
कभी बैसरन की वादियों में हनीमून मना रहे थे शुभम और आशान्या। शादी को महज़ 83 दिन हुए थे। कश्मीरी वादियों की सैर कर रहे इस जोड़े की खुशियां उस वक्त खून में डूब गईं, जब आतंकियों ने पहलगाम में टूरिस्टों पर हमला कर दिया। धर्म पूछकर मारे गए शुभम द्विवेदी की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। और अब, भारत ने इसका जवाब उस अंदाज़ में दिया है, जो इतिहास में दर्ज होगा।
भारतीय सेना ने मंगलवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 बड़े आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से तबाह कर दिया। इस सटीक एयरस्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय पूरी तरह नष्ट हो गए, और 62 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है।
कानपुर के सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने इस कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, “उन्होंने मेरे पति की मौत का बदला लिया… ये मेरे शुभम को सच्ची श्रद्धांजलि है। जिस तरह से पाकिस्तान को जवाब दिया गया, उसने हमारा भरोसा फिर से जगा दिया।”
बात करते हुए उनकी आवाज़ कांप रही थी, आंखें नम थीं, लेकिन उनमें एक सुकून भी था—दुश्मन को जवाब मिला है। शुभम के पिता, संजय द्विवेदी ने भी भारत सरकार की इस निर्णायक कार्रवाई को ‘उनके बेटे की आत्मा के लिए सच्ची शांति’ बताया। “हम जानते हैं, वो कभी लौटकर नहीं आएगा, लेकिन कम से कम हमने उसे खोकर चुप्पी नहीं साधी,” उन्होंने कहा।
22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिनमें कई नवविवाहित जोड़े भी थे। हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश था। आज, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने न सिर्फ जवाब दिया, बल्कि यह साफ कर दिया कि अब हर बलिदान का हिसाब लिया जाएगा।पंजाब केशरी से साभार