बीजापुर – बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को न केवल दुश्मन से, बल्कि भीषण गर्मी से भी जंग लड़नी पड़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए। हालत बिगड़ने पर इन सभी को सेना के हेलिकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम अस्पताल में तुरंत भर्ती किया गया।
चार दिनों से चल रही गर्मी और गोलियों की जंग
सुरक्षा बल पिछले चार दिनों से लगातार जंगलों में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं। जहां एक ओर भीषण गर्मी ने जवानों की परीक्षा ली, वहीं दूसरी ओर सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के दौरान अब तक तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इस मुठभेड़ में एक जवान के घायल होने की भी खबर है। मारे गए पांच नक्सलियों में से 3 महिला नक्सलियों का शव बरामद किया गया था। मारे गए नक्सली PLGA बटालियन नंबर 1 की हैं। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद हुआ था।
सेना की त्वरित कार्रवाई से बची कई जानें:
गंभीर डिहाइड्रेशन से जूझ रहे जवानों को वक्त रहते रेस्क्यू कर लिया गया, जिससे बड़ी अनहोनी को टाल दिया। सुरक्षा बलों का यह ऑपरेशन अभी भी जारी है, और सूत्रों के मुताबिक इलाके में और भी नक्सलियों के छिपे होने की आशंका है। जवानों का मनोबल मजबूत है और मिशन को जल्द सफलतापूर्वक पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही है।
वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर तैनात, ड्रोन से निगरानी
दो दिन पहले ही ऑपरेशन को धार देने के लिए वायुसेना के अत्याधुनिक हथियारों से लैस MI-17 हेलिकॉप्टर को जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में तैनात किया गया है। इन हेलिकॉप्टर्स के ज़रिए न केवल जवानों को राशन और ज़रूरी सामान पहुँचाया जा रहा है, बल्कि ऊपर से निगरानी भी की जा रही है।
इसी के साथ ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों से पूरे जंगल क्षेत्र पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
टारगेट: कररेगुट्टा और नीलम सराय की पहाड़ियां
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन का मुख्य फोकस कररेगुट्टा और नीलम सराय की उन पहाड़ियों पर है, जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। ऑपरेशन में बटालियन नंबर 1 और 2 समेत DKSZCM, DVCM, ACM जैसे बड़े नक्सली संगठनों के टॉप लीडर्स हिड़मा, देवा, दामोदर और विकास जैसे नाम शामिल हैं।
घेरा डालकर मारो की रणनीति
जवानों ने ‘घेरा डालकर मारो’ की रणनीति के तहत इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है। करीब 1000 से ज्यादा नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी के बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया, जो अब 12 घंटे से अधिक समय से लगातार चल रहा है। इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार, नक्सलियों के पास राशन और पानी की भारी कमी है।
डिहाइड्रेशन से 40 से ज्यादा जवान बीमार:
इस ऑपरेशन के बीच 40 से अधिक जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। उन्हें सेना के हेलिकॉप्टर के ज़रिए तेलंगाना के भद्राचलम स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार दिन से भीषण गर्मी में लगातार कार्रवाई कर रहे जवानों की हालत बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
नेलांगुर में नया बेस – ITBP और पुलिस की साझेदारी
आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस ने मिलकर छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर ‘नेलांगुर कंपनी ऑपरेटिंग बेस (COB)’ की स्थापना की है। यह बेस सुदूर और दुर्गम अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों के गढ़ों पर नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
सीएम विष्णुदेव साय की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “पिछले 15 महीनों से हमारे जवान नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। वर्तमान में बॉर्डर पर जो ऑपरेशन चल रहा है, उसमें बड़े कैडर के नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। थोड़े समय में स्थिति स्पष्ट होगी।”