रायपुर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों की जांच और सत्यापन का आदेश दिया है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ में भी करीब 2000 पाकिस्तानी नागरिकों की गहन निगरानी शुरू हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक लगभग 1800 नागरिक रायपुर में निवासरत हैं, जिनमें से अधिकांश सिंधी समाज से जुड़े हुए हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब इन नागरिकों के दस्तावेजों की जांच करने में जुट गई हैं।
केंद्र के आदेश के बाद देशभर में उन पाकिस्तानियों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है, जो सार्क वीजा या अन्य अल्पकालिक वीजा पर देश में रह रहे हैं। हालांकि, जिन पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों को दीर्घकालिक वीजा (LTV) मिला है, उन्हें इस आदेश से छूट दी गई है और उनकी नागरिकता प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होगा।
जांच के घेरे में रायपुर में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक
छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में रहने वाले कई पाकिस्तानी नागरिक अब भारत को ही अपना घर बना चुके हैं। सड्डू, बोरियाकला, महावीर नगर और माना रोड जैसे इलाकों में उन्होंने घर बना लिए हैं और वर्षों से वहीं निवास कर रहे हैं।
इनमें से कई को भारत की नागरिकता मिल चुकी है, जबकि कुछ अब भी लंबित सूची में हैं। अब ऐसे नागरिकों की सूची दोबारा बनाई जा रही है और जिनके पास वैध नागरिकता नहीं है, उनकी सख्त जांच की जा रही है।
वीजा कैटेगरी की हो रही छानबीन
पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां इस समय यह पता लगाने में जुटी हैं कि छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक किस वीजा कैटेगरी के तहत भारत में हैं। इनमें विजिटर, मेडिकल, धार्मिक, बिजनेस और सार्क वीजा शामिल हैं। खास तौर पर सार्क वीजा धारकों की पहचान की जा रही है, क्योंकि केंद्र ने इन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
सुरक्षा के लिहाज से बढ़ी संवेदनशीलता
पुलिस अफसरों के अनुसार, इस सत्यापन अभियान का उद्देश्य केवल वीजा की वैधता को जांचना नहीं है, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना भी है। पहलगाम जैसे आतंकी घटनाओं के बाद हर राज्य को अलर्ट पर रखा गया है, और छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या दस्तावेजों में गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
हर थाने में होगा वेरिफिकेशन
एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि रायपुर में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के दस्तावेजों की जांच के साथ-साथ स्थानीय थानों में सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों की सूची का मिलान भी किया जा रहा है। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतने बड़े स्तर पर पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान, निगरानी और सत्यापन की प्रक्रिया चलाई जा रही है।