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आम आदमी को तगड़ा झटका! प्लॉट, मकान और दुकान खरीदना हो जाएगा महंगा, जानें कैसे?

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नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है, जिसमें आम आदमी को अपनी जेब ​ढीली करनी पड़ रही है। इसी बीच आम आदमी को एक और बड़ा झटका लग सकता है। बता दें राज्य के सभी जिलों में जल्द नई कलेक्टर गाइड लाइन जारी होगी, जिसके बाद प्लॉट, मकान और दुकान संभवत: महंगा हो सकता है।

रायपुर – सोने-चांदी के भाव के बाद आम आदमी को महंगाई का एक और बड़ा झटका लगने वाला हैं। राज्य के सभी जिलों में जल्द ही नई कलेक्टर गाइड लाइन जारी होने वाली है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अं​बिकापुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि इसी महीने यानी अप्रैल के आखिर तक जारी होने के आसार नजर आ रहे हैं।

बढ़ सकती है सरकारी कीमत

जानकारी के मुताबिक राजधानी के 70 वार्डों में से करीब 24 में रेट 50% तक बढ़ाने की तैयारी है। इसके लागू होने पर आम आदमी के लिए प्लॉट, फ्लैट, मकान और दुकान खरीदना महंगा हो जाएगा। जिलों से आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है।

इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे। इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है। हर शहर में जमीन की कीमत बेतहाशा बढ़ गई। लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है। इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है।

सस्ते मकान भी महंगे हो जाएंगे

कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ने के साथ ही आउटर में जमीन की कीमत बढ़ जाएगी।

रायपुर के आउटर में बढ़ सकते हैं रेट

कलेक्टर गाइडलाइन में रायपुर में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर आउटर एरिया में देखने को मिल सकता है।

रजिस्ट्री खर्च में भी होगी बढ़ोतरी

कलेक्टर दर में बढ़ोतरी का सीधा असर रजिस्ट्री पर पड़ेगा। किसी भी जमीन की रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी 5.5 फीसदी अदा करनी पड़ती है। महिलाओं को इसमें आधा फीसदी की छूट है। माना जाता है कि जमीन की खरीदी पर खरीदने वाले को-स्टॉप, रजिस्ट्री शुल्क और उपकर पर लगभग 10 फीसदी खर्च करना पड़ता है। इस हिसाब से जमीन की दर बढ़ने के इन पर खर्च बढ़ेगा।

वहीं इस नई गाइडलाइन को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि कलेक्टर गाइडलाइन तय करने सभी जिलों से अनुशंसा मंगाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर ही जमीन की सरकारी कीमत में परिवर्तन किया जाएगा। शासकीय और बाजार भाव के अंतर को खत्म करने जहां जरूरत होगी वहीं रेट बढ़ाएंगे।