गरियाबंद जिले के बारूका गांव में आतंक मचाने वाले तेंदुए को एक मां ने धर दबोचा। दरअसल, जंगल में मवेशी चराने गए एक युवक पर हमला करने के बाद तेंदुआ महिला के घर में घुस गया था। उसने महिला की तीन साल की बेटी पर हमला किया, तो महिला ने जाल में तेंदुए को फंसा लिया। अब महिला के अद्भुत साहस की हर कोई तारीफ कर रहा है
गरियाबंद – एक मां अपने बच्चे की रक्षा के लिए दुनिया के किसी भी खतरे से भिड़ सकती है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां एक मां अपने बच्चे को बचाने के लिए मौत रूपी तेंदुए से भिड़ गई।
अपनी बेटी को मौत के मुंह से खींच लाने के साथ तेंदुए को कैद भी कर लिया। जानकारी के अनुसार, सोमवार को ग्राम बारूका में सुबह करीब साढ़े 10 बजे 34 साल का मनहरन यादव जंगल में मवेशियों को चराने गया था। उस पर तेंदुए ने हमला कर दिया।
किसी तरह से जान बचाकर लौटे मनहरन यादव ने गांव लौटकर घटना की जानकारी दी। उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
तीन साल की बच्ची पर किया हमला
इसके बाद तेंदुआ दोपहर के वक्त गांव में घुस आया और एक घर के आंगन में खेल रही तीन वर्षीय बच्ची को निशाना बनाया। तेंदुए ने बच्ची को उठाने की कोशिश की। मगर, परिजनों की चीख-पुकार और हल्ला सुनकर वह भाग खड़ा हुआ।
हालांकि, कुछ देर बाद तेंदुआ फिर लौटकर उसी घर के पास पहुंच गया, जिससे ग्रामीणों में दहशत और बढ़ गई। तेंदुए की वापसी से डरी-सहमी बच्ची की मां ने घबराने के बजाय हिम्मत दिखाई। उसने तेंदुए को काबू में करने की योजना बनाई। महिला ने वालीबॉल का नेट इस्तेमाल कर तेंदुए को फंसाने में सफलता पाई, इस दौरान ग्रामीणों ने भी उसका साथ दिया और उसे पकड़ लिया।
तीन घंटे तक चला रेस्क्यू तेंदुए को पकड़ने के बाद वन विभाग को सूचना दी गई। लगभग तीन तीन घंटे तक चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद तेंदुए को पिंजरे में बंद कर रायपुर के जंगल सफारी भेज दिया गया।