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पंचायत प्रस्ताव के बिना शराब दूकान खोला तो आंदोलन के‌ साथ हाईकोर्ट का शरण में जावे – शर्मा

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रायपुर – शासन के आदेश पर प्रशासन हर कीमत पर ऐन केन प्रकारेण शराब दूकान खोलने पर आमादा है चाहे पंचायत का विधिवत प्रस्ताव मिले अथवा नहीं ।

ग्राम खौली में ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद कतिपय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दबाव बना सिर्फ सरपंच व पंचायत सचिव के हस्ताक्षर से सहमति पत्र बनवा शराब दूकान खोलने की तैय्यारी की जा रही है । इसकी भनक लगते ही ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है ।

क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने इस विषय पर मार्गदर्शन लेने आये खौली के प्रबुद्ध ग्रामीणों को राय दी है कि वे आसपास के ग्रामों के सहयोग से आंदोलनात्मक रुख अपनाने तैयार रहें व बिना विधिवत प्रस्ताव के शराब दूकान खोलने की स्थिति में ऐसे अवैधानिक कृत्य करने वाले अधिकारियों सहित शासन के खिलाफ उच्च न्यायालय का शरण ले ताकि अवैधानिक तरीके से शराब दूकान खुलवाने वाले अधिकारियों पर न्यायिक निर्णय मिल सके ।

ज्ञातव्य हो कि आरंग विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खौली में शासन द्वारा शराब दूकान खोलना प्रस्तावित है जिसके लिये पंचायत का प्रस्ताव अनिवार्य है । ग्रामीण सभा व ग्राम पंचायत शराब दूकान खुलवाने के विरोध में है और इसकी जानकारी जिलाधीश सहित क्षेत्रीय सांसद बृजमोहन अग्रवाल व विधायक गुरु खुशवंत सिंह सहित पूर्व राज्यपाल रमेश बैस सहित प्रशासन के अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंप दी जा चुकी है । श्री बैस ने जहां ग्रामीणों को मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया है वहीं श्री अग्रवाल ने जनभावना की जानकारी मुख्यमंत्री को देने पत्र भेजने का आश्वासन दिया है ।

इधर नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकार ने भी अनुविभागीय अधिकारी , आरंग पुष्पेन्द्र शर्मा से मुलाकात कर शराब दूकान खोलने पर जहां आंदोलन की चेतावनी दी है वहीं पूर्व जिला पंचायत सदस्य ललिता कृष्णा वर्मा ने भी अनुविभागीय अधिकारी को क्षेत्रीय आक्रोश से अवगत कराया है । इधर बीते गुरुवार को कथित तौर पर मंदिर हसौद तहसीलदार व थाना प्रभारी द्वारा सरपंच व सचिव को बुलवा दबाव डाल शराब दूकान खोलने की सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाने की कथित चर्चा ग्राम में व्याप्त है जिससे ग्रामीणों का‌ आक्रोश और भड़क गया है ।इसी संबंध में खौली का प्रबुद्ध वर्ग श्री शर्मा से चर्चा करने पहुंचा था ।

उन्होंने बिना विधिवत पंचायत प्रस्ताव के शराब दूकान खोलने की स्थिति में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ले उच्च न्यायालय की शरण लेने व आसपास के ग्रामों के ग्रामीणों का सहयोग ले आंदोलनात्मक रुख अपनाने की तैयारी का सुझाव दिया है । साथ ही सरपंच व सचिव द्वारा यदि ‌झूठा पंचायत प्रस्ताव दिया गया हो तो सूचना के अधिकार के तहत इसकी भी प्रति प्राप्त कर इनके खिलाफ कार्यवाही करने का सुझाव दिया है ।