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राज्य में 236 करोड़ की अघोषित आय का हुआ खुलासा, 10 कारोबारी मुसीबत में, सामने आई ये जानकारी….।

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रायपुर – राज्य में आयकर विभाग का बड़ा छापा पड़ा है, जिसमें 200 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय की जानकारी सामने आई है। आयकर विभाग 10 कारोबारियों के ठिकानों से 236 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर की। यह कार्रवाई वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 1 अप्रैल 2024 से 18 मार्च 2025 तक की गई है। इसमें सराफा, रेलवे ठेकेदार, अस्पताल और कोलवाशरी संचालकों के ठिकाने शामिल हैं। धारा 133-ए के तहत यह सर्वे रायपुर में 5 बिलासपुर में 2, राजनांदगांव, धमतरी और अंबिकापुर के 1-1 कारोबारी शामिल हैं। उक्त सभी फर्म के संचालक अपनी नियमित आय के साथ ही सर्वे के दौरान मिली अघोषित आय के साथ ही अग्रिम टैक्स जमा करवा रहे हैं। वहीँ अब इस मामले में आयकर विभाग ने कार्यवाही की है।

मुख्य आयकर आयुक्त के निर्देश पर हुई कार्यवाही 

यह सभी कार्यवाही मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करण के निर्देश पर की गई है। उन्होंने बताया कि करदाताओं के समय पर कर भुगतान को सुगम बनाने के लिए अग्रिम कर भुगतान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 208 के तहत, यदि किसी व्यक्ति की अनुमानित कर देयता एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपए या उससे अधिक होने पर अग्रिम कर का भुगतान करना अनिवार्य है। इसी को लेकर कार्यवाही की गई है, जिससे कारोबारियों में हड़कम्प मच गया है।

समय पर इसके जमा करने पर करदाता को धारा 234 बी एवं 234 सी के तहत लगने वाले ब्याज से बचाव होता है। एकमुश्त कर भुगतान की तुलना में अग्रिम कर 4 किस्तों में अदा करने पर आर्थिक बोझ कम होता है। साथ ही नियमित अग्रिम टैक्स भुगतान करने पर उनकी प्रोफाइल मजबूत होती है। इससे वह किसी भी तरह की छापेमारी और सर्वे जांच से बच सकते हैं। अग्रिम कर भुगतान से सरकार को समय पर राजस्व मिलने पर देश की आर्थिक नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलती है।

करदाता स्वयं मूल्यांकन करें 

करदाता अग्रिम कर न जमा करके, स्व-मूल्यांकन कर के रूप में टैक्स का भुगतान करते हैं। यह वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद होता है। 31 मार्च तक किया गया कर भुगतान भी अग्रिम टैक्स के रूप में देने पर करदाता अतिरिक्त ब्याज की देनदारी से बच सकते हैं। स्व मूल्यांकन कर का भुगतान करने से ब्याज देय होता है, जबकि अग्रिम टैक्स समय पर भुगतान करने से यह अतिरिक्त लागत बचाई जा सकती है। इसे देखते हुए सभी करदाताओं से स्व-मूल्यांकन कर के स्थान पर 31 मार्च से पहले ही अग्रिम टैक्स का भुगतान करने कहा गया है। बता दें कि राज्य के सभी करदाताओं चालू वित्तीय वर्ष में अग्रिम टैक्स का 100 फीसदी भुगतान 31 मार्च तक करने कहा गया है। वहीँ इस मामले में कारोबारियों ने नियमों का पालन करने की बात कही है।