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धान खरीदी में गड़बड़ – गायब हुआ 7700 क्विंटल धान,प्रबंधक समेत चार पर अपराध दर्ज

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रायगढ़ – कलेक्टर ने धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए कई लेवल की चेकिंग लगाई थी। इसके बावजूद समितियों में करोड़ों के धान की बोगस एंट्री कर दी गई। तमनार प्रबंधक समेत चार पर अपराध दर्ज किया गया है। तिउर में भी 9 हजार क्विंटल धान की राशि का गबन हो गया। अब टेंडा नवापारा में भी घोटाला सामने आया है। यहां करीब 7700 क्विंटल धान की बोगस एंट्री कर दी गई है, जो अब सामने आई।

धान खरीदी में बोगस एंट्री के जरिए दो महीने में लाखों रुपए कमाए जाते हैं। इस अवैध कमाई में प्रबंधक, ऑपरेटर और कुछ अफसर भी हिस्सेदार होते हैं। सालों साल हो रही गड़बड़ी की वजह से सरकार को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी घोटाले को रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही है। इस बार कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बोगस खरीदी और रिसायक्लिंग को रोकने के लिए कड़े तेवर दिखाए थे। लेकिन धान घोटाला करने वालों का काकस इतना मजबूत है कि कलेक्टर का आदेश भी असरदार नहीं रहा। धड़ल्ले से बोगस खरीदी की गई और किसी को पता ही नहीं चला। राईस मिलों का धान भी खपाया गया।

जिन केंद्रों में बोगस खरीदी बेतहाशा हुई उनमें से एक घरघोड़ा का टेंडा नवापारा भी है। भौतिक सत्यापन के दौरान इस केंद्र को छोड़ दिया गया था। जैसे-जैसे उठाव होता गया, यहां की असलियत सामने आ गई। 7700 क्विंटल धान की कमी पाई गई है जिसकी कीमत करीब 2.35 करोड़ रुपए होती है। इसके अलावा बारदाना भी अधिक पाया गया है। किसानों के नाम पर धान चढ़ा दिया गया। शुक्रवार को इसकी दोबारा जांच हुई। अभी कई दूसरे केंद्रों में हुई गड़बड़ी भी सामने आने वाली है। कई राइस मिलर्स ने भी अपना पुराना धान रिसायकल कर दिया है।

13 हजार बोरी कम मिला धान
तमनार समिति में एफआईआर के बाद गड़बड़ी का आंकड़ा दोगुना हो गया है। यहां 15 जनवरी को भौतिक सत्यापन कराया गया जिसमें 6529 बोरी (2611 क्विंटल) धान कम पाया गया। 4054 नए बारदाने अधिक मिले तथा 5980 पुराने बारदाने कम पाए गए। पुलिस ने अपेक्स बैंक ब्रांच मैनेजर की शिकायत पर प्रबंधक निलाद्री पटनायक, कंप्यूटर ऑपरेटर मधुबाला पटनायक, फड़ प्रभारी भरतराम राठिया और बारदाना प्रभारी शिवशंकर भगत के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(4) और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। अब उठाव अंतिम चरण में पहुंचने पर पता चला है कि तमनार में करीब 13 हजार बोरी धान कम मिला है। तकरीबन 5000 क्विंटल धान की बोगस एंट्री की गई है, जो एफआईआर से दोगुनी है।

तिउर में फंस गया मामला
अभी भी जिले में करीब 40 हजार क्विंटल धान समितियों में शेष दिख रहा है। वास्तविक रूप से यह धान केंद्रों में है ही नहीं। खरसिया के तिउर में भी बोगस खरीदी कर धान की रकम गबन की जा चुकी है। इस राशि का बंटवारा कुछ सरकारी कर्मचारियों को भी मिला है। तिउर प्रबंधक तिहारू राम जायसवाल से वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यहां करीब 8955 क्विंटल धान कम पाया गया था जो अब कम होता जा रहा है। बाहर से धान लाकर मिलर्स को दिया जा रहा है। मिलों में जमा धान भी रिसायकल हो रहा है। रबी के धान से मिलर्स को इसकी भरपाई कर दी जाएगी।