किसी भी कारण से कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने की जल्दबाजी न करें। क्योंकि, महाकुंभ मेला 26 फरवरी को खत्म नहीं होगा।
सरकार की योजना के चलते यह 26 फरवरी को ही खत्म हो सकता है। हालाँकि, इस वर्ष बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश के समय से लेकर वृषभ राशि के बाहर निकलने तक, महाकुंभ शाही (पवित्र स्नान) आयोजित किया जाएगा। 1 मई 2024 से 15 मई 2025 तक बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर रहेगा। तब तक कई महायोग आएंगे।
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ऐसे समय में धर्मगुरुओं को पवित्र स्नान करने की इच्छा होती है। लेकिन आखिरी मौनी अमावस्या अकेली नहीं है और भी हैं।
144वें वर्ष की विशेष अवधि 15 मई को समाप्त हो जाएगी। इसलिए प्रयाग त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए तब तक समय है। यदि एक साथ करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आ जाएं तो कोई भी प्रशासन इस पर नियंत्रण नहीं रख सकता। हालिया त्रासदी इसका प्रमाण है। आने वाली *षड्लहा योग युक्त अमावस्या* एक महान काल है (29 मार्च 2025 की अमावस्या भी एक महान काल है)। इसलिए याद रखना चाहिए कि 144वें साल के महाकुंभ मेला शाहीस्नान की अवधि 15 मई तक है। श्रद्धालु मई के मध्य तक धैर्य और संयम के साथ कुंभ मेले में आ सकते हैं और अक्षय पुण्य कमा सकते हैं।साभार
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