रायपुर प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में शामिल हुईं भाजपा महापौर पद की प्रत्याशी मीनल चौबे
विकसित, स्वच्छ, रायपुर के लिए लोगों की प्राथमिकताओं पर होगा काम
रायपुर नगर निगम का होगा सर्वांगीण विकास कोई समझौता नहीं – मीनल चौबे
रायपुर – रायपुर नगर निगम से भाजपा महापौर पद की प्रत्याशी मीनल चौबे बुधवार को रायपुर प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि रायपुर नगर निगम को कैपिटल नगर निगम के रूप में जाना- पहचाना जाए यह उनकी प्राथमिकता में है.
श्रीमती चौबे ने सिलसिलेवार अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि पहले क्या कुछ हुआ यह रायपुर की जनता जानती है. चूंकि वे रायपुर नगर निगम में काफी सालों से काम कर रहीं हैं, इसलिए यहां कि समस्याओं से भली भांति अवगत हैं. संपत्तिकर, सड़क चौड़ीकरण जैसे विषयों पर कहा कि पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सब कुछ स्पष्ट कर दिया है. पार्टी की नीतियों के मुताबिक वे काम करेंगी. राज्य व केन्द्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए पैसों की कहीं कोई कमी नहीं होगी.
भाजपा ने नगरीय निकाय क्षेत्र के लिए अपना जो घोषणा पत्र जारी किया है, उस पर अमल करना उनकी प्राथमिकता में होगा। उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगी.
श्रीमती चौबे चुनावी व्यस्तता के बाद भी रायपुर प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में उपस्थित हुईं. अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि रायपुर शहर बहुत बड़ा है और यहां पर जनता की हमेशा मांग रहती है कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, सड़कों और नालियों की सफाई होती रहे, इसके लिए राज्य सरकार तो पैसा देती है, कई विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा फंड उपलब्ध कराया जाता है. अगर वे महापौर पद पर जीतकर आती हैं तो उनकी प्राथमिकता होगी कि रायुपर नगर निगम कैपिटल रायपुर के रुप में जाना और पहचाना जाए.
जनता चाहती है कि उन्हें चौड़ी सड़कें मिलें, निचली बस्तियों में पानी भरने की जो समस्याएं हैं वो दूर हों, लेकिन पिछले पांच सालों में यह नहीं हुआ. अगर वे जीतकर आती हैं तो उनकी प्राथमिकता होगी कि जनता की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और उन्हें मूलभूत सुविधाएं निरंतर उपलब्ध होती रहें.
राज्य सरकार नगर निगम को शुद्ध पेयजल के लिए अच्छा खासा पैसा देती है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत नालियों और सड़कों की साफ-सफाई के लिए पैसा आता है. और उनकी प्राथमिकता होगी कि नालियों की नियमित सफाई होती रहे और सड़कें हमेशा साफ-सुथरी हों. कांग्रेस के शासनकाल में यह कहा जा रहा था कि घरों से डोर टू डोर कचरा उठाया जा रहा है लेकिन हम हमेशा देखते थे कि गलियों में तो कचरा दिखता ही था, लेकिन सड़कों पर भी भारी मात्रा में कचरा फेंकते हुए लोग दिखाई देते थे.
कई जगहों पर रोजाना कचरों का अंबार लगा हुआ रहता था. इन सब के लिए अच्छा खासा फंड भी था लेकिन उसका उपयोग वर्तमान महापौर नहीं कर पाए और न ही काम हुआ. वे जानती है कि किस चीज के लिए पैसा आ रहा है और उसका कहां पर खर्चा हो रहा है और सही मायनों में कहां पर खर्च होना चाहिए. वे हमेशा देखती थीं कि जो रोड लाइटें हैं, कभी भी बंद हो जाती हैं, सड़कों पर अंधेरा रहता था, वैसा अब दोबारा नहीं होगा. भाजपा का घोषणा पत्र उनकी प्राथमिकता में होगा.