बीजापुर – माओवादियों की बड़ी साजिश को जवानों की सतर्कता ने बीजापुर में फेल कर दिया. बासागुड़ा और आवापल्ली सड़क मार्ग पर डिमाइनिंग के लिए निकली टीम ने बम को समय रहते खोज निकाला. बम को डिमाइनिंग टीम ने मौके पर ही डिफ्यूज कर बड़ा हादसा टाल दिया. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीम आज रुटीन सर्चिंग अभियान पर निकली थी. जवानों को निशाना बनाने के लिए माओवादियों ने सड़क के नीचे बम को प्लांट किया था.
50 किलो का बम डिफ्यूज
बताया जा रहा है कि बासागुड़ा और आवापल्ली सड़क पर तिमापुर के पास दुर्गा मंदिर है. माओवादियों ने बम को मंदिर के पास बने पुल के नीचे लगाया था. बीडीएस की टीम जैसे ही पुल के पास पहुंची उनको बम के होने का संकेत मेटल डिटेक्टर में मिल गया. तत्काल बीडीएस की टीम ने बम को मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया. बम को जब डिफ्यूज किया गया तो उसके धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ी.
पुलिया के नीचे लगाया गया था बम
माओवादियों ने बम को पुलिया के नीचे कंक्रीट और पत्थरों के बीच छुपाकर लगाया था. जवानों ने पहले बम को वहां से निकालने की कोशिश की लेकिन बम को काफी गरहाई में फिट किया गया था. बम को वहां से हटाना घातक हो सकता था. लिहाजा बीडीएस की टीम ने IED को मौके पर ही डिफ्यूज करना बेहतर और सुरक्षित समझा.
सतर्क जवानों ने टाल दिया बड़ा हादसा: सर्चिंग अभियान पर निकले सतर्क जवानों ने समय रहते आज बड़ा हादसा टाल दिया. माओवादियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया. जिस जगह पर बम को डिफ्यूज किया गया उसे पाटकर अब रास्ते को आने जाने लायक बना दिया गया है.
बीजापुर में शहीद हुए थे डीआरजी के 8 जवान
बीजापुर के कुटरू में 6 जनवरी को माओदियों ने IED विस्फोट किया था जिसमें डीआरजी के 8 जवान शरीद हो गए थे. माओवादियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए सड़क के बीचो बीच 60 से 70 किलो का आईईडी लगाया था. बीजापुर हमले के बाद से जवानों और बीडीएस की टीम को और सतर्कता बरतने के निर्देश आला अधिकारियों ने दिए थे.
भागते फिर रहे नक्सली, टॉप कमांडर ढेर
बस्तर के अबूझमाड़ को नक्सली सेफ जोन समझते थे. अबअबूझमाड़ का चप्पा जवान छान रहे हैं. बस्तर के घने जंगलों में भी टॉप नक्सली अब डरकर छिपे हैं. फोर्स का खौफ ऐसा है कि माओवादी ज्यादा देर तक रुक नहीं रहे हैं. बार बार अपना ठिकान बदल रहे हैं. नक्सल कमांडरों के मारे जाने के बाद गिने चुने बड़े नक्सली नेता बचे हैं.