पत्रकार की हत्या के बाद एक्शन मोड में BJP सरकार, निशाने पर 2 कांग्रेसी नेता,
बीजापुर – पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार एक्शन मोड पर है। साय सरकार ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के ठेकेदारी का लायसेंस रद्द कर दिया है। जिस सड़क की स्टोरी को लेकर मुकेश की हत्या की गई उस सड़क के टेंडर को भी रद्द कर दिया है। इसको लेकर मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रायपुर ने आदेश जारी किया है।
वाणिज्यिक कर विभाग ने पाई दो करोड़ की अमियमितता
सोमवार को वाणिज्यिक कर विभाग के द्वारा मेसर्स सुरेश चंद्राकर के फर्म का जीएसटी निरीक्षण किया गया। जिसमें 2 करोड़ रुपए से अधिक के अपात्र आईटीसी दावों का खुलासा किया गया है। सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जीएसटी का अपवंचन करने वाले वाणिज्यिक फर्मों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। इसी सिलसिले में राज्य वाणिज्यिक कर विभाग ने बीजापुर जिले में स्थित सड़क निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों पर विगत 27 दिसंबर को निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि फर्म ने विगत वित्तीय वर्षों में 2 करोड़ से अधिक की अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है।
आईटीसी का दावा GST नियमों के खिलाफ- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि राज्य वाणिज्यिक कर विभाग की जांच में पाया गया है कि फर्म द्वारा विगत वर्षों में पात्रता से अधिक आईटीसी दावों की पहचान की गई है। वाहनों और कपड़ों जैसे अपात्र वस्तुओं पर आईटीसी का दावा किया गया जो जीएसटी प्रावधानों के खिलाफ है। व्यावसायिक स्थल पर आवश्यक रिकॉर्ड और चालान अधूरे पाए गए हैं। सीमेंट और सरिया के क्रय दिखाकर बड़ी राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया है, उस अनुपात में बिटूमीन क्रय नहीं दिखाया है।
रिकार्डों की हो रही है जांच
विक्रेता ने इन विसंगतियों को स्वीकार करते हुए 30 दिसंबर 2024 को 30 लाख रूपये टैक्स का प्रारंभिक भुगतान किया है। अन्य भुगतान दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी लंबित हैं। विभाग द्वारा जीएसटी रिटर्न और बैंक विवरणों के मिलान सहित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच की जा रही है, जिससे अंतिम देयता निर्धारित की जा सके।
कांग्रेस के नेता ऐसा स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि साय सरकार में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है. लेकिन बलोदबाजर में भी उनकी संलिप्तता रही, कांग्रेस नेत्री उत्तरी जांगड़े ने बलोदबाजार जैसी घटना करने के लिए प्रेरित कर रहे थे, सूरजपुर में पुलिस परिवार की घटना में भी कांग्रेस के लोग शामिल थे. ऐसा क्यों है कि हर गंभीर घटना के साथ कांग्रेस का ही हाथ होता है.
मुकेश की रिपोर्ट पर 25 दिसंबर को ही जांच समिति का गठन उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कर दिया था. वहीं इनके अन्य सड़क और कार्यों की जांच भी किया जाएगा. मुकेश के परिवार के साथ खड़े होने के लिए यह सभी कार्रवाई की जा रही है.
आसानी से भागने में कैसे सफल हो गया सुरेश
बीजेपी सरकार इस घटना को लेकर कितनी संजीदा है यह तो बता दिया. लेकिन अब भी कई ऐसे सवाल ही पत्रकार और जनता के बीच कौंध रहे हैं. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हुई तो मुकेश की हत्या के लिए किसने सुरेश रितेश को उकसाया. जब एक जनवरी को मुकेश लापता हुए और उसके भाई युकेश ने इसकी सूचना पुलिस को दी तब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं किया? बस्तर के स्थानीय पत्रकारों के दबाव के बाद ही क्यों फॉर्महाउस पहुंच कर सेप्टिक टैंक तोड़ने की कार्रवाई की गई? पुलिस के इंटेलिजेंस के बावजूद सुरेश आसानी से कैसे भागने में सफल हो गया.
सख्त कार्यवाही करने के दिए गए निर्देश
जीएसटी अपवंचन के मामलों में मिल रही शिकायतों के मद्देनजर राज्य में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर वाणिज्यिक फर्माें की जांच की जा रही है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा ऐसे मामलों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है ।