मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सपत्निक राष्ट्र जागरण 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में हुए शामिल
गायत्री महायज्ञ द्वारा समाज को धर्म, सद्कर्म से जोड़ने एवं सद्भाव बढ़ाने का प्रयास किया,गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है- मुख्यमंत्री श्री साय
गरियाबंद – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जिला मुख्यालय गरियाबंद के गांधी मैदान में आयोजित राष्ट्र जागरण 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में सपत्निक श्रीमती कौशिल्या साय के साथ शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि हमारे गायत्री परिवार के सदस्यों ने वेदमाता गायत्री के 108 कुण्डीय महायज्ञ का भव्य आयोजन यहाँ किया है। चार दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ आयोजन का हिस्सा आपने मुझे बनने का अवसर दिया और मुझे इस पुनीत कार्य से जोड़ा। गायत्री महायज्ञ के जरिए समाज को धर्म, सद्कर्म से जोड़ने और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास किया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परमपूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा जी और माता भगवती देवी का, जिन्होंने वेदमाता गायत्री की उपासना करते हुए गायत्री परिवार को विश्वभर में फैलाया। जहां विश्व के 80 से अधिक देशों सहित पांच हजार से अधिक गायत्री शक्तिपीठ केन्द्र की स्थापना की गई है। इस तरह से गायत्री परिवार के सदस्यों ने देश को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया, क्योंकि कोई भी देश तभी मजबूत रह सकता है जब उसकी बुनियाद मजबूत हो, और हमारे देश की बुनियाद हमारी सनातन परम्पराओं में है। उन्होंने बताया कि हमारा परिवार कई दशकों से गायत्री परिवार के साथ जुड़ा हुआ है। गायत्री परिवार के लोग धर्म जागरण का कार्य कर रहे है। इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश माता कौशिल्या की धरती है तथा भगवान श्रीराम जी का ननिहाल है। गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। यह हमें सन्मार्ग की ओर चलने को प्रेरित करता है।
इस दौरान कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के उप कुलाधिपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि गायत्री मंत्र यह एक पावन मंत्र में से एक है। लोगों को मनुष्य का जीवन एक अवसर के रूप में मिला है, इसे लोगों को अच्छे उद्देश्य में लगाना चाहिए। हम में से प्रत्येक के अंदर देवत्व बनने का सामर्थ है। इस उद्देश्य से हमें सामाजिक कार्य करना चाहिए। मानव को किसी जाति, धर्म में नहीं बाटना चाहिए। हमारे अंदर जो दीपक है, वही हमारा भगवान है। उसी को जलाने से व्यक्ति महानता की ओर अग्रसर होता है। इस दीप यज्ञ की प्रेरणा से हमारे भीतर के दीपक की ज्योति निरंतर प्रखर होनी चाहिए। गायत्री परिवार इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जगाने वाला परिवार है।
हमारे जीवन में आने वाली समस्याओं का कारण हमारे कर्म हैं। यज्ञ हमें श्रेष्ठ कर्म की ओर प्रेरित करता है। यज्ञ और दीपयज्ञ संचित कर्मफल को काटने का विधान हैं। उन्होंने सभी गायत्री परिवार के सदस्यों को नशा से भारत के भविष्य को सुधारने की बात कही। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक श्री रोहित साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अब्दुल गफ्फार मेमन सहित गायत्री परिवार के सदस्यगण एवं अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।