मुकेश चंद्राकर की हत्या से पूरा इलाका सदमे में है। मुकेश सिर्फ़ 28 साल के थे और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे थे। 2021 में माओवादियों ने कुछ सीआरपीएफ जवानों को अगवा कर लिया था। मुकेश ने इन जवानों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अब तक तीन हत्यारोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस हत्याकांड में अब तक तीन हत्यारोपी को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक रितेश चंद्राकर और अन्य दो लोग शामिल हैं। रितेश चंद्राकर को पत्रकार मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई बताया जा रहा है। दूसरे आरोपी सुरेश चंद्राकर को पुलिस ट्रेस कर रही है। सुरेश वही ठेकेदार है, जिसकी प्रॉपर्टी पर बने सेप्टिक टैंक के अंदर से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद हुआ था। सरकार ने इस मामले में 11 सदस्यीय एसआईटी जांच टीम गठित की है। वहीं पुलिस आरोपी सुरेश के तीन बैंक खातों को सीज कर चुकी है और अन्यों की डिटेल निकाल रही है।
मामले में बस्तर संभाग के आईजी पी. सुंदरराज ने शनिवार को खुलासा करते हुए बताया कि दो लोगों ने मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की थी। ठेकेदार के मुंशी रामटेके और उसके भाई रितेश चंद्राकर ने वारदात को अंजाम दिया था। मुकेश पर स्टील रॉड से हमला किया गया था। वारदात के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी। मामले में सुरेश चंद्राकर को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
अंतिम विदाई में उमड़ा हुजूम
पत्रकारों ने शनिवार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर को अंतिम विदाई दी। इस दौरान सभी की आंखें नम रहीं। सभी इस हत्याकांड को लेकर बेहद आक्रोशित दिखे। स्थानीय पत्रकारों ने राज्य शासन से इस मामले में आरोपियों को फांसी देने और उनके चल-अचल संपत्ति को नेस्तानाबूद करने की मांग की है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में बस्तर संभाग के पत्रकारों ने शनिवार को बीजापुर बंद का आह्वान किया था। हत्या के विरोध में बीजापुर अस्पताल चौक पर दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम भी किया।