पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। 92 साल की उम्र में उनका दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्हें उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से गुरुवार रात 8:06 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मनमोहन सिंह प्रखर अर्थशास्त्री थे। 1991 में देश में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण के वे शिल्पकार रहे। 2004 से 2014 तक वे प्रधानमंत्री रहे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। जानिए ताजा अपडेट्स..
पंजाब: एक निवासी ने कहा, “जहां तक मुझे पता है, वे (पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह) 70-80 साल पहले यहां रहा करते थे… हम उनके निधन से दुखी हैं, क्योंकि वे अमृतसर से प्रधानमंत्री थे…”
सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन के बाद 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी, 2025 तक पूरे देश में सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान, उन सभी स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे पारंपरिक रूप से फहराया जाता है और सभी आधिकारिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारत सरकार ने आज के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
केरल सरकार ने जिला कलेक्टरों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाने का निर्देश दिया है।
केएच मुनियप्पा ने जयाता दुख
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर कर्नाटक के मंत्री केएच मुनियप्पा ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी क्षति है कि हमने डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। उन्होंने कहा कि वह युवा मंत्रियों का मार्गदर्शन कर रहे थे। दुनिया ने एक महान अर्थशास्त्री खो दिया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आवास से रवाना हुए।
सैम पित्रोदा ने मनमोहन सिंह के निधन पर व्यक्त की संवेदना
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दोस्तों और भारत के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं। यह एक महान नेता की बड़ी क्षति है, जिन्होंने 10 साल तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ लगभग 10 साल तक काम करने का मौका मिला, पहले राष्ट्रीय ज्ञान आयोग में और फिर सार्वजनिक सूचना, बुनियादी ढांचे और नवाचार पर।
सैम पित्रोदा ने आगे कहा कि 1991 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के फैसले ने भारत में आर्थिक अवसरों के बीज बोए। उन्होंने कहा कि उदारीकरण उनकी नीति की कुंजी थी, बीज काफी समय पहले बोए गए थे। पीढ़ीगत बदलाव लाने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता होती है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पहुंचे।