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अरबी में किया रामायण-महाभारत का ट्रांसलेशन, अब पीएम मोदी से हुई मुलाकात, कौन हैं अब्दुल्ला बैरन?

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कुवैत – अरबी भाषा में भारतीय महाकाव्य रामायण और महाभारत के ट्रांसलेटर ने ग्लोबल लिटरेचर में एक नई उपलब्धि दर्ज की है. इन महाकाव्यों का ट्रांसलेशन अब्दुल्ला अल बैरन ने किया है, जबकि इन्हें पब्लिश करने का काम कुवैत के प्रमुख पब्लिशर अब्दुल्ल लतीफ अलनेसेफ ने किया है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में इन दोनों विद्वानों से मुलाकात की और उनके काम की सराहना की. कौन हैं अब्दुल्ला अल बैरन? यहां जानिए उनके बारे में…

पीएम मोदी ने किए महाकाव्यों पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत यात्रा के दौरान रामायण और महाभारत की अरबी एडिशन की कॉपियों पर सिग्नेचर किए. इस मौके पर अब्दुल्लतीफ अलनेसेफ ने कहा, “यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है. पीएम मोदी इन किताबों से बेहद खुश हैं. ये किताबें दोनों देशों की सांस्कृतिक कड़ी को और मजबूत बनाएंगी.”

रामायण और महाभारत का अनुवादक अब्दुल्ला अल बैरन ने बताया कि इन महाकाव्यों को अरबी में अनुवाद करना एक जटिल और टाइम-कंज्यूमिंग प्रोसेस थी. इसे पूरा करने में दो साल लगे. इन महाकाव्यों ने भारतीय संस्कृति, इतिहास और दर्शन को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया.

सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करती ये किताबें
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इन महाकाव्यों के अरबी संस्करण का जिक्र किया था और इसे भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया था. इन प्रयासों ने साहित्य के जरिए दोनों देशों के संबंधों को और गहरा किया है.

कौन हैं अब्दुल्ला बैरन?
अब्दुल्ला बैरन कुवैत के एक प्रसिद्ध साहित्यकार और ट्रांसलेटर हैं, जिन्होंने भारतीय महाकाव्यों रामायण और महाभारत को अरबी भाषा में अनुवादित किया है. अब्दुल्ला बैरन ने इन ग्रंथों का अनुवाद करने में दो साल का समय लगाया, जिसमें उन्होंने भारतीय दर्शन, इतिहास और परंपराओं को गहराई से समझा. उनके ट्रांसलेशन को रीडर्स ने एक अनूठे अनुभव के रूप में स्वीकार किया, जो भारतीय महाकाव्यों की गहराई और नॉलेज को अरबी भाषी समाज तक पहुंचाता है. साहित्य और अनुवाद के क्षेत्र में योगदान के लिए बैरन को बहुत सराहा जाता है.