शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत को लेकर विपक्ष को चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह सच है कि हमारी हार हुई है। हमें इस पर निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि लोगों के पास वापस जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव नतीजों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें बहुत नाराजगी है।
कोल्हापुर – पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के ‘इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने को इच्छुक’ वाले बयान का एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का रुख आक्रामक है। उन्होंने कई लोगों को खड़ा किया है। उन्हें ऐसा कहने का पूरा अधिकार है। ममता बनर्जी में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की क्षमता है।
कोल्हापुर के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत के बाद विपक्ष को चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह सच है कि हमारी हार हुई है। हमें इस पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि लोगों के पास वापस जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव नतीजों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें बहुत नाराजगी है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी इसलिए काम करेगी कि सरकार अपने चुनाव से पहले किए गए सभी वादों को पूरा करे। इसमें लड़की बहिन योजना के तहत वित्तीय मदद को 1500 से बढ़ाकर 2100 तक करने का भी वादा शामिल है।
वहीं महाविकास अघाड़ी के महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता चुने को लेकर शरद पवार ने कहा कि एमवीए के राजनीतिक दलों को इस पर जोर नहीं देना चाहिए। क्योंकि उनके पास आवश्यक संख्या नहीं है। विपक्ष की स्थिति पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की ताकत काफी कम है। लेकिन यहं कई युवा विधायक हैं जो एक-दो सत्रों के बाद मुद्दे उठाएंगे।
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रमुख अबू आजमी के एमवीए छोड़ने के एलान पर शरद पवार ने कहा कि सपा का केंद्रीय नेतृत्व विपक्षी एकता बनाए है। इसके अलावा राज्यसभा में 500 के नोट की गड्डी मिलने पर शरद पवार ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि गड्ढी सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट तक कैसे पहुंची? वह एक प्रसिद्ध वकील हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों का प्रदर्शन
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला महायुति और महा विकास अघाड़ी गठबंधनों के बीच था। जिसमें महायुति ने बाजी मारते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं महा विकास अघाड़ी को 288 सीटों में से मात्र 46 सीटें ही मिल सकीं। इसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी ने सिर्फ 10 ही सीटें जीतीं।