नए वक्फ कानून के खिलाफ 70 याचिकाएं दाखिल गई हैं, जिस पर बुधवार को करीब 2 घंटे चली सुनवाई चली. इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल समेत अन्य वकीलों ने इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी..सुप्रीम कोर्ट दलिलों को सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित करने जा रहा था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अंतरिम आदेश पारित करने का विरोध किया.. और सुप्रीम कोर्ट से केंद्र और राज्य सरकारों की दलील सुनने के बाद ही आदेश पारित करने की अपील की..
वहीं वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. इस मामले पर सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कल वक्फ कानून पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ के विरोध में हो रही हिंसा पर चिंता जाहिर की थी. बता दें कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में 3 लोगों की जान गई थी, और पथराव में कई पुलिसवाले घायल भी हुए थे.
वक्फ एक्ट की सुनवाई पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं. कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और ‘वक्फ बाय यूजर’ को हटाया नहीं जा सकता. जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था. इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.’
वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर AAP नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट, जजों और अधिवक्ताओं का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने धर्म से ऊपर उठकर देश की रक्षा करने में हमारी मदद की. हम फैसले से संतुष्ट हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि वक्फ-बाय-यूजर के तहत संपत्तियां वक्फ के पास ही रहेंगी और वक्फ बोर्ड के सदस्यों से भी हस्तक्षेप नहीं होगा. केंद्र सरकार 7 दिन में जवाब देगी.., डीएम कोर्ट से ऊपर कैसे हो सकता है – वह प्रावधान (अधिनियम से) निश्चित रूप से हटाया जाएगा. वक्फ बोर्ड वैसे ही बना रहेगा…’
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है. भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि सरकार अगली तारीख तक उन संपत्तियों (वक्फ-बाय-यूजर) को डी-नोटिफाई नहीं करेगी जो रजिस्टर्ड और गजटेड हैं. हालांकि, सरकार अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. केंद्र ने कोर्ट से कहा कि आप संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगा सकते और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है… इस मुद्दे को 5 मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है, और उसी दिन सुनवाई शुरू होगी.’
वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, ‘1995 के वक्फ अधिनियम और 2013 में किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को इस सूची से अलग से दिखाया जाएगा. 2025 के मामले में रिट दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को विशेष मामले के रूप में जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता है. संघ और राज्य तथा वक्फ बोर्ड भी 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेंगे.
सीजेआई ने इस साथ ही कहा, ‘अगली तारीख पर सुनवाई केवल निर्देशों और अंतरिम आदेशों के लिए होगी, यदि कोई हो.’
वक्फ कानून की सुप्रीम कोर्ट पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि वे अदालत को आश्वासन देते हैं कि धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी. अगली सुनवाई की तारीख तक, वक्फ में पहले से पंजीकृत या अधिसूचना की तरफ से घोषित वक्फ शामिल हैं, को न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर की तरफ से इसमें कोई बदलाव किया जाएगा.
सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के वकीलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वे 5 याचिकाओं को मुख्य याचिका के रूप में पहचानेंगे और अन्य को आवेदन के रूप में माना जाएगा.’ इसके साथ ही उन्होंने दोनों पक्षों को नोडल काउंसल नियुक्त करने का आदेश दिया.
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम राहत दे दी है. कोर्ट ने इस मामले पर सरकार से 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है. सीजेआई ने कहा, ‘हम अभी किसी भी बात पर रोक नहीं लगा रहे हैं. जहां तक रिट याचिकाओं का सवाल है, हम केवल 5 रिट याचिकाएं चाहते हैं. 100 या 120 से निपटना असंभव है…अन्य को निपटाया हुआ माना जाएगा.’
‘आपको कोई नई नियुक्ति नहीं करेंगे…’ तुषार मेहता की मांग पर बोले CJI संजीव खन्ना
एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ‘ये ऐसे मुद्दे नहीं हैं, जो आपके आधिपत्य को कुछ प्रावधानों के केवल न केवल पढ़ने के साथ रहना चाहिए.’ इस पर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, ‘आप इस बात का भरोसा दीजिए कि संशोधित कानून के मुताबिक, आप नई नियुक्ति नहीं करेंगे.’
इस पर संजीव खन्ना ने कहा, ‘एक हफ्ते में कुछ नहीं बदलेगा. इस बात को मैं रिकॉर्ड पर कहता हूं.’
वक्फ कानून के सवालों बोले तुषार मेहता, ‘एक हफ्ते का समय दीजिए. जवाब दाखिल करने के लिए.’
नए वक्फ कानून को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच आज ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के मामले पर सुनवाई कर रही है. सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. अगर कोई इसमें कोई आदेश जारी करता है. हमें एक हफ्ते का समय दीजिए. जवाब दाखिल करने के लिए.’
मुल्क की गांठ मुसलमान, खुल गई तो सबका नुकसान… वक्फ काननू पर बोलीं महबूबा मुफ्ती
नए वक्फ कानून को लेकर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘मुसलमान इस मुल्क की गांठ ,खुल गई तो मुसलमान तो खत्म हो ही जाएंगे, लेकिन पूरा मुल्क तितर-बितर हो जाएगा. वक्फ कोई मामूली झगड़ा नहीं है. बाबरी मस्जिद के समय और अफजल गुरु के समय भी कोर्ट के पास सबूत नहीं थे, लेकिन लोगों के जज्बात पर फैसला लिया गया, तो उम्मीद आज भी कोर्ट वक्फ मामले में लोगों के जज्बात को देखकर फैसला लेगी
‘सुप्रीम कोर्ट ने कल ही फैसला लिखना शुरू कर दिया था, लेकिन…’ वक्फ कानून पर बोले वकील प्रदीप यादव
वक्फ संशोधित अधिनियम 2025 को लेकर आज लंच ब्रेक के बाद दो बजे से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस नए कानून पर आज केंद्र सरकार भी अपना रुख स्पष्ट करने वाली है. इस मामले पर एडवोकेट प्रदीप कुमार ने बताया कि आज अंतरिम आदेश जारी होने की संभावना है, लेकिन आज का दिन इस मामले में निर्णायक हो सकता है.
यादव ने बताया कि कोर्ट ने कल आदेश लिखना शुरू किया था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल और कुछ राज्यों के वकीलों ने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा. इन राज्यों ने वक्फ अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिका दायर की है। वकीलों के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने मामले को आज के लिए स्थगित कर दिया.
‘सुप्रीम कोर्ट ने कल ही फैसला लिखना शुरू कर दिया था, लेकिन…’ वक्फ कानून पर बोले वकील प्रदीप यादव
वक्फ संशोधित अधिनियम 2025 को लेकर आज लंच ब्रेक के बाद दो बजे से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस नए कानून पर आज केंद्र सरकार भी अपना रुख स्पष्ट करने वाली है. इस मामले पर एडवोकेट प्रदीप कुमार ने बताया कि आज अंतरिम आदेश जारी होने की संभावना है, लेकिन आज का दिन इस मामले में निर्णायक हो सकता है.
यादव ने बताया कि कोर्ट ने कल आदेश लिखना शुरू किया था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल और कुछ राज्यों के वकीलों ने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा. इन राज्यों ने वक्फ अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिका दायर की है। वकीलों के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने मामले को आज के लिए स्थगित कर दिया.
‘गरीब मुसलमानों का भला होगा…’ नए वक्फ कानून पर बोले किरेन रिजिजू
वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस कानून को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है, जबकि सच्चाई यह है कि मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वर्ग खुद इस कानून के पक्ष में है.
रीजीजू ने साफ तौर पर कहा कि वक्फ की संपत्तियों का इस्तेमाल कई बार उन उद्देश्यों के लिए नहीं हो रहा जिनके लिए वे दी की गई थीं. उन्होंने कहा, ‘कुछ शक्तिशाली लोगों ने वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया है. यह गरीब मुसलमानों के अधिकारों का हनन है. वहीं नए वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों का भला होगा.’
वक्फ (संशोधन) कानून पर सुप्रीम कोर्ट 2 बजे के बाद करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दोपहर 2 बजे सुनवाई जारी रखेगा. कल यानी बुधवार को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिया था कि वह एक अंतरिम आदेश पारित कर सकता है, जिसके तहत ऐसी संपत्तियों को, जिन्हें अदालत ने वक्फ घोषित कर दिया है, चाहे वे ‘वक्फ बाय यूज़र’ हों या ‘वक्फ बाय डीड’, उन्हें डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा.
कोर्ट की इस टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे वक्फ संपत्तियों की स्थिति को लेकर चल रही कानूनी बहस को नई दिशा मिल सकती है. याचिकाकर्ताओं ने वक्फ बोर्डों को दी गई कुछ कानूनी शक्तियों और संपत्ति अधिग्रहण के प्रावधानों को संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के उल्लंघन के तौर पर चुनौती दी है.
आज की सुनवाई में कोर्ट की अंतरिम आदेश पर क्या रुख रहता है, इस पर कड़ी नजर बनी हुई है.
वक्फ कानून को लेकर मौलाना तौकीर रजा ने हिंदुस्तान के मुसलमान से अपील करते हुए कहा है कि मुसलमान सब्र से काम लें. उन्होंने कहा, ‘वक्फ का विरोध कानून के दायरे में रहकर करें, इस वक्त समय मुसलमान के अनुकूल नहीं है.’
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने वाला है. इस मामले पर वकील शशांक शेखर झा ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते हिंसा हुई है.