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फारूक अब्दुल्ला बोले- केंद्र सरकार ऐसी हरकतें रोके, मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंक सकते

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अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘संभल जैसी घटनाएं रोकने की जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से कहूंगा कि वह ऐसी हरकतें रोके, क्योंकि वे भारत के मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंक सकते। वे 24 करोड़ मुसलमानों को कहां फेंकेंगे? मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करें, यही…

कश्मीर – नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि केंद्र को देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए और मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘संभल जैसी घटनाएं रोकने की जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से कहूंगा कि वह ऐसी हरकतें रोके, क्योंकि वे (भारत के) मुसलमानों को समुद्र में नहीं फेंक सकते। वे 24 करोड़ मुसलमानों को कहां फेंकेंगे? मुसलमानों के साथ समान व्यवहार करें, यही हमारा संविधान कहता है। अगर वे संविधान के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो भारत कैसे बचेगा।”

कश्मीरी पंडितों को वापस आने से कौन रोक रहा है?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को वापस आने से कौन रोक रहा है? हर राजनीतिक दल ने कहा है कि उन्हें वापस आना चाहिए। यह उनका फैसला है कि वे कब वापस आना चाहते हैं। हमारे दिल उनके लिए खुले हैं। जब मैं मुख्यमंत्री था और स्थिति खराब थी, तब भी हमने उन्हें वापस लाने की कोशिश की थी।” जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग पर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से इसकी समीक्षा करने को कहेंगे। आरक्षण वंचित वर्गों के लिए है ताकि वे बराबरी के स्तर पर आ सकें।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार ने आरक्षण को युक्तिसंगत बनाने की मांगों पर विचार करने के लिए कैबिनेट की उप-समिति का गठन किया है। केंद्र शासित प्रदेश में आरक्षण की सीमा 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आतंकियों के साथ कथित संबंधों के चलते पिछले सप्ताह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ‘‘हर चीज पर नजर रखेगी और यह पता लगाएगी कि दोनों कर्मचारियों को क्यों बर्खास्त किया गया।”