news chhattisgarh.co.in नई दिल्ली – असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्यार भत्ता में बदलाव करके न्यूनतम मजदूरी दर को 1,035 रुपये रोजाना करने की घोषणा की है। यही कारण है कि आइए जानते हैं कि इस घोषणा के बाद मजदूरों को प्रति महीने कितना धन मिलेगा..।
लेबर मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मजदूरों को अधिक खर्चों से बचाने में मदद करना है। इस बदलाव के बाद क्षेत्र ‘ए’ में निर्माण, साफ-सफाई, सामान उतारने और चढ़ाने जैसे अकुशल काम में लगे श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये रोजाना (20,358 रुपये प्रति माह) होगी।
नई दरें कब से लागू होंगी-
श्रमिकों के लिए नई दरें 1 अक्टूबर 2024 से लागू की गई है और अप्रैल 2024 से लागू होंगी। ये इस वर्ष का दूसरा संशोधन है, पहले अप्रैल में बदलाव हुआ था। न्यूनतम दैनिक वेतन अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 868 रुपये होगा (22,568 रुपये प्रति माह), जबकि लिपिक, कुशल चौकीदार या गार्ड के लिए 954 रुपये होगा (24,804 रुपये प्रति माह)। अत्यधिक कुशल और हथियारों के साथ चौकीदार या गार्ड का काम करने वालों का न्यूनतम वेतन 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगा।
न्यूनतम मजदूरी में इजाफे का ऐलान करते हुए VDA को संशोधित किया गया, जो अप्रैल, 2024 में किया गया था। न्यूनतम मजदूरी दर को चार श्रेणियों (A, B, C) में विभाजित किया गया है: अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल। Leber Ministry ने कहा कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दर में इजाफे और परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (VDA) को संशोधित करके श्रमिकों, खासकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सहायता देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम का ऐलान किया है। Chief Labor Commissioner (Central) की वेबसाइट, CLc.gov.in, न्यूनतम मजदूरी दर की पूरी जानकारी प्रदान करती है।
मजदूरी दर प्रत्येक वर्ष दो बार निर्धारित की जाती है:
केंद्र सरकार हर छह महीने औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में होने वाली औसत वृद्धि के आधार पर वीडीए को वर्ष में दो बार नवीनीकरण करती है। 1 अप्रैल से पहला रिवीजन शुरू होता है, जबकि दूसरा 1 अक्टूबर से शुरू होता है। द िल् ली की सीएम आतिशी ने पहले अनआर्गनाइज् ड सेक् टर के मजदूरों के लिए 18066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19929 रुपये और कुशल के लिए 21917 रुपये का न्यूनतम वेतन घोषित किया था। द िल्ली की मुख् यमंत्री बनने के बाद आतिश ने कहा कि सरकार ने शहरी मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू किया है। यह देश में सबसे अधिक है।