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कुंदरकी की हार गुजरी नागवार, लखनऊ जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक;अखिलेश हुए लाल

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मुरादाबाद – उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुंदरकी सीट से बीजेपी उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने 1लाख से ज्यादा वोटों से बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने सपा के हाजी मोहम्मद रिजवान को करारी शिकस्त दी। इसी बीचं पुलिस ने सपा के कार्यकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई की है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, राज्य के मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से समाजवादी पार्टी उपचुनाव हार गई है। जिसके बाद पार्टी के कार्यकर्ता लखनऊ जा रहे थे। इसी बीच, सीतापुर पुलिस ने संदिग्ध समझकर 35सपा समर्थकों को  हिरासत में लिया हैं। ये सभी कार्यकर्ता चुनाव में धांधली होने की जानकारी देने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने जा रहे थे। लेकिन इसी बीच, पुलिस ने 5कारों में सवार इन सभी सपा समर्थकों को हिरासत में ले लिया।

पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?

बता दें, ये पूरा मामला शहर कोतवाली इलाके का है। इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया कि अपराधियों के रोकथाम के लिए प्रत्येक रात सघन अभियान चेकिंग चलाया जाता है। इसी चेकिंग के चलते देर रात बैरियर लगाकर करीब 5गाड़ियों समेत 35संदिग्ध व्यक्तियों को रोका गया।

पुलिस अधीक्षक का कहना है कि व्यक्तियों द्वारा गाड़ियों के दस्तावेज और आरसी न दिखा पाने की वजह से सभी को कोतवाली लाकर चालान सहित अन्य कार्रवाई की जा रही है।

सपा अध्यक्ष ने किया पोस्ट

वहीं, अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का एक पोस्ट सामने आया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा है। सपा अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा ‘कुंदरकी में जिन लोगों को सरेआम वोट डालने से रोका गया या, जिनके वोट किसी और ने डाल दिए वो सब लोग अपनी व्यथा बताने के लिए लखनऊ आ रहे थे। क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।’

BJP पर साधा निशाना

अखिलेश आगे कहते है ‘इससे भाजपा के चुनावी घपले का भंडाफोड़ हो जाता। इसीलिए बीच रास्ते में उनको सीतापुर में उप्र पुलिस द्वारा निरुद्ध किया गया है। इसलिए हम महामना राष्ट्रपति महोदय, माननीय सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग, माननीय राज्यपाल व देश के सभी समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों से आग्रह करते हैं कि इस मामले का तुंरत संज्ञान लें। ये सुनिश्चित करें कि अपने वोट के अधिकार के लिए जो आवाज़ उठाना चाहते हैं, उनके साथ उप्र की भाजपा सरकार कोई अन्याय या अत्याचार न कर सके।’