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झारखंड चुनाव:आंसुओं से शुरुआत और जनसैलाब तक, कल्पना सोरेन की अविश्वसनीय राजनीतिक यात्रा; बनेंगीं गेम चेंजर!

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रांची – 31 जनवरी 2024 की शाम को झारखंड की राजधानी रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में इंडिया गठबंधन के तमाम विधायक-सांसद और वरिष्ठ नेता जमे थे। इस बीच देर शाम यह खबर मिलती है कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया गठबंधन के नेताओं को पहले से ही इस बात की आशंका थी।

आनन-फानन में चंपाई सोरेन को इंडिया गठबंधन का नया नेता चुन लिया जाता है। इस पूरे प्रकरण को राजनीति में एंट्री के लिए तैयार हो रहीं कल्पना सोरेन चुपचाप देख रहीं थीं। शिबू सोरेन परिवार की बहू कल्पना सोरेन जब कुछ मौके पर सार्वजनिक मंच से इस घटना का जिक्र करती हैं, तो उनके आंखों से छलक आते हैं!

कल्पना सोरेन की 4 मार्च 2024 को राजनीति में एंट्री

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद जेएमएम और शिबू सोरेन परिवार के सामने कई चुनौतियां थीं। एक ओर अदालत के माध्यम से हेमंत सोरेन की रिहाई का रास्ता साफ करना था, वहीं दूसरी ओर पार्टी में रिक्त पड़े नेतृत्व को संभालना था। इस बीच 4 मार्च को गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के स्थापना दिवस के मौके पर कल्पना सोरेन ने सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लिया।

जानकार बताते है कि सीएम हेमंत सोरेन जेल जाने की स्थिति में कल्पना सोरेन को ही अपना उत्तराधिकारी बनाने चाहते थे, इसके लिए गांडेय विधायक सरफराज अहमद से त्यागपत्र देकर पहले ही कल्पना सोरेन के लिए सीट भी खाली करा लिया गया था। लेकिन ऐन मौके पर परिवार की सदस्य और जामा विधायक सीता सोरेन ने पहले ही कल्पना सोरेन के नाम पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए सीएम पद के लिए खुद का नाम आगे किया था। जिसके कारण मौके की नजाकत को समझते हुए हेमंत सोरेन ने चंपाई सोरेन को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया।

लोकसभा चुनाव में चला कल्पना सोरेन का जादू

कल्पना का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ और वहीं प्रारंभिक शिक्षा हुई। मार्च महीने में राजनीति में एंट्री के साथ ही लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया। लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन जेल में बंद हेमत सोरेन की गैरमौजूदगी में इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी स्टार प्रचारक बनीं। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन को पांच सीटें मिली, जबकि वर्ष 2019 में इंडिया गठबंधन सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी। इस चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिली। वहीं कल्पना सोरेन खुद भी गांडेय विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने में सफल रहीं।

विधानसभा चुनाव में हर चुनावी सभा में उमड़ रही भारी भीड़

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी कल्पना सोरेन की हर चुनावी सभा में भीड़ उमड़ रही। इस भीड़ में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी देखी जा रही है। भीड़ को देख कर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कल्पना सोरेन ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ लंबी लकीर खींच दी हैं। अधिकांश मौकों पर यह भी देखा जा रहा है कि भीड़ जुटाने में कल्पना सोरेन अपने पति हेमंत सोरेन से भी आगे निकल गईं हैं।

बीजेपी-एनडीए नेता कल्पना पर सीधा हमला करने से बच रहे

कल्पना सोरेन की रैली में उमड़ रही भीड़ ने बीजेपी नेताओं के लिए चिंता बन गई है। हालांकि जिस तरह से कल्पना सोरेन के समर्थन में युवाओं-महिलाओं का जनसैलाब देखने को मिल रहा है, उसे देखते हुए बीजेपी और एनडीए के अधिकांश नेता भी कल्पना सोरेन के खिलाफ सीधा हमला करने से बच रहे हैं। बीजेपी और एनडीए नेताओं के निशाने पर मुख्य रूप से हेमंत सोरेन और जेएमएम-कांग्रेस के अन्य नेता ही होते हैं।

सधे राजनेता की तरह समर्थकों का बढ़ाती हैं उत्साह

जेएमएम की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन हर चुनावी सभा, बैठकों और मीडियाकर्मियों से बातचीत में सधे हुए अंदाज में अपनी बातों को रखती हैं। कल्पना सोरेन जब चुनावी सभा को संबोधित करती हैं तो वो भीड़ का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल होने के साथ ही समर्थकों का उत्साह ही बढ़ाती हैं। वहीं बीजेपी पर निशाना साधती हैं। कल्पना सोरेन हर चुनावी सभा में लोगों को यह बताती हैं कि बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा आदिवासियों के अस्तित्व के लिए खतरनाक हैं।

कल्पना सोरेन हर दिन 4 से 7 जनसभाओं को संबोधित कर रहीं

कल्पना सोरेन हर दिन 4 से 7 जनसभाओं को संबोधित कर रहीं। वो सिर्फ जेएमएम उम्मीदवारों के लिए ही चुनावी सभा नहीं कर रहीं, बल्कि कांग्रेस-आरजेडी और भाकपा-माले के प्रत्याशी भी कल्पना सोरेन की सभा अपने क्षेत्र में कराने के लिए परेशान नजर आते हैं। चुनाव प्रचार के लिए जेएमएम की ओर से कल्पना सोरेन के लिए अलग से हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है।

हालांकि कई मौके पर जेएमएम की ओर से आरोप लगाया कि कल्पना सोरेन के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति देर से दी गई। इस दौरान कल्पना सोरेन ने मोबाइल फोन के माध्यम से सभा को संबोधित किया। इस तरह की सभा में भी कल्पना सोरेन को सुनने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही हैं।