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आज से आरंभ हो रहा है पितृ पक्ष, ये है श्राद्ध तिथियों की पूरी जानकारी

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पितृ पक्ष और श्राद्ध हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं हैं। पितृ पक्ष, श्राद्ध का एक विशेष समय अवधि है, जो प्रत्येक  शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

प अरविन्द मिश्रा रायपुर – पितृ पक्ष और श्राद्ध हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं हैं। पितृ पक्ष, श्राद्ध का एक विशेष समय अवधि है, जो प्रत्येक वर्ष श्राद्ध पक्ष में आती है। यह अवधि आमतौर पर पितृ पक्ष में 15 दिनों तक चलती है, जो भाद्रपद माह के पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक होती है।

pitru paksha shradh 2021 start and end date tarpan puja vidhi importance  significance and samagri ki list - Astrology in Hindi Pitru Paksha Shradh  2021 : पितृ पक्ष आज से, नोट करश्राद्ध का उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करना होता है। इस समय में परिवार के सदस्य अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान विशेष पूजा, हवन, और पिंडदान किए जाते हैं। यह समय उन आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए होता है, जिनका पुनर्जन्म या मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ है।

हिंदू शास्त्रों में पितृ पक्ष और श्राद्ध को अत्यंत महत्वपूर्ण इसलिए माना गया है क्योंकि यह पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का तरीका है। यह मान्यता है कि पूर्वजों की आत्मा को शांत और सुखी करने से परिवार में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। यह भी विश्वास है कि सही तरीके से श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन की कठिनाइयों को पार करने में मदद करता है।

श्राद्ध की प्रमुख तिथियां

पूर्णिमा का श्राद्ध- 17 सितंबर 2024

प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध- 18 सितंबर

द्वितीया तिथि का श्राद्ध- 19 सितंबर

तृतीया तिथि का श्राद्ध- 20 सितंबर

चतुर्थी तिथि का श्राद्ध- 21 सितंबर

पंचमी तिथि का श्राद्ध– 22 सितंबर

षष्ठी और सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 23 सितंबर सोमवार

अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 24 सितंबर

नवमी तिथि का श्राद्ध- 25 सितंबर

दशमी तिथि का श्राद्ध- 26 सितंबर

एकादशी तिथि का श्राद्ध- 27 सितंबर

द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 29 सितंबर

त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 30 सितंबर

चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर

सर्व पितृ अमावस्या, पितृ पक्ष समाप्त– 2 अक्टूबर