रायपुर – छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के बीच और मजबूत करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की चार बटालियन राजधानी में पहुंच गई हैं। इनमें से तीन बटालियन झारखंड से और एक बटालियन बिहार से आई है। इससे सुरक्षाबलों को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने और मदद मिलेगी।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, इन चारों बटालियन की तैनाती दक्षिण बस्तर क्षेत्र में की जाएंगी। वहां सुरक्षा की स्थिति को लेकर पहले से ही सरकार और सुरक्षाबलों द्वारा काफी सतर्कता बरती जा रही है। राज्य पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, इस तैनाती का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा बलों की उपस्थिति को बढ़ाना और संभावित सुरक्षा खतरों से निपटना है।
2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त को छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रायपुर में कहा था- ‘मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत और रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। श्री शाह ने छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर स्ट्रैटजी भी बनाई थी। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभाव वाला सबसे ज्यादा और बड़ा क्षेत्र बस्तर है।
बनाई जाएगी जॉइंट टास्क फोर्स
छत्तीसगढ़ पुलिस अब पहले के मुकाबले और एग्रेसिव ढंग से झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र पुलिस के साथ नक्सल ऑपरेशन करेगी। इसके निर्देश केंद्रीय गृहमंत्री ने दिए हैं। ये भी कहा गया है कि जॉइंट टास्क फोर्स (JTF) बनाई जाए। इसमें राज्य के अनुभवी अधिकारी और जवान होंगे।
बस्तर में तैनात हैं 60 हजार जवान
बस्तर में अलग-अलग फोर्स के करीब 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इनमें कांकेर में SSB, BSF, ITBP, नारायणपुर में ITBP, BSF, STF, कोंडागांव में ITBP, CRPF, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में STF, कोबरा, CRPF के जवान तैनात हैं। इसके अलावा सभी जिलों में DRG, जिला बल, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन भी नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेती है