कर्नाटक – शराब की बोतलों की पेटियां ही पेटियां, अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों की लंबी कतारें और कतार में लगे लोगों सुरक्षा प्रदान करती पुलिस. कर्नाटक में शराब के लिए लगी लंबी कतारों ने दिल्ली में कोरोनाकाल में लगी लाइनों की याद दिला दी है. लेकिन कर्नाटक में शराब लेने के लिए लोगों की भीड़ किसी ठेके के सामने नहीं बल्कि बीजेपी नेता के कार्यक्रम में लगी है. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में बीजेपी नेता के धन्यवाद कार्यक्रम में शराब की बोतलें लेने के लिए लोगों की लंबी कतारें और भीड़ दिखाई दे रही है. वायरल वीडियो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम में हजारों बोतल बीयर और शराब बांटी गई. कार्यक्रम स्थल पर ठंडी बीयर के लिए एसी रेफ्रिजरेटर वैन खड़ी हुई थीं.
कर्नाटक में बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री के. सुधाकर ने चुनावों में जीत की खुशी में आयोजित धन्यवाद रैली में शराब बंटवाई है. शराब बंटवाने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. जब इस मामले में चारों ओर से आलोचना होने लगी तो कर्नाटक पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ते हुए आबकारी विभाग के सिर ठीकरा फोड़ दिया है.
बता दें कि कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर के सांसद के समर्थकों ने हाल ही में हुए आम चुनाव में उनकी जीत के लिए धन्यवाद देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान लोगों को जमकर शराब की बोतलें बांटी गईं. लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के. सुधाकर ने कांग्रेस की एमएस रक्षारमैया को 1.6 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने शराब वितरण की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस बारे स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा शराब वितरण के लिए स्थानीय नेता नहीं बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जवाब देना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि क्या यही भाजपा की संस्कृति है.
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार उत्पाद शुल्क नीति के तहत इस मामले में कदम उठाएगी, इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह अगला कदम है. पहले बीजेपी को जवाब देने दीजिए.”
विवाद के बीच में बीजेपी सांसद के. सुधाकर ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा शराब वितरित की गई थी या इसमें भाग लेने वाले लोग अपने साथ शराब लाए थे. उन्होंने कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है. सुधाकर ने कहा कि अगर ऐसा उनकी पार्टी या फिर जनता दल-एस के कार्यकर्ताओं ने किया गया है, तो यह गलत है. उन्होंने कहा कि राजनीति में अपने 25 वर्षों में उन्होंने कभी भी चुनाव के दौरान या किसी कार्यक्रम में शराब नहीं बांटी. बीजेपी सांसद ने साफ कहा कि इस मुद्दे से उनका कोई संबंध नहीं है.
भले ही के. सुधाकर इस मामले में उनकी किसी भी भागीदारी से इनकार कर रहे हों, लेकिन इस धन्यवाद कार्यक्रम के लिए उन्होंने ही स्थानीय पुलिस को पत्र लिखकर कार्यक्रम के लिए पुलिस तैनाती की मांग की थी. और इस पत्र में उल्लेख किया गया था कि कार्यक्रम में भोजन और शराब परोसी जाएगी. फिर एक बड़ा सवाल यह है कि कार्यक्रम की अनुमति क्यों दी गई और पुलिस तैनात क्यों की गई.