कई बार ऐसा होता है. हादसे और वारदातों की जांच शुरू होती है किसी और मकसद से लेकिन पड़ताल में भंडाफोड़ कुछ और हो जाता है. सबसे ताजा नजीर कोलकाता रेप एंड मर्डर केस है. जांच आगे बढ़ी तो आरजी कर अस्पताल में होने वाले संदिग्ध मामलों के भी खुलासे होने लगे.
कोलकोता – 9 अगस्त को नोएडा की एक सोसायटी के 19वें फ्लोर से एक बोतल नीचे गिरी. पार्टी का शोर आ रहा था. सोसायटी वालों ने पुलिस को कंप्लेन की, बुलाकर थोड़ा धमकाने को कहा तो मालूम चला उस फ्लैट में रेव पार्टी चल रही थी. महज एक बोतल गिरने से पता चला वहां रेव पार्टियों का एक कारोबार ही चल रहा था. यानि ना बोतल गिरती और ना कंप्लेन होती ना पुलिस आती और ना ही क्राइम का पता चलता. ये कोई अकेला मामला नहीं हैं. हिंदुस्तान में बाय चांस पकड़े जाने वाले अपराध और अपराधियों की लंबी फेहरिस्त हैं.
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की 8-9 अगस्त की रात को रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. उसकी लाश कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिली. उसकी दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था. गर्दन और जबड़े की हड्डी टूटी थी. पुलिस ने केस दर्ज किया. इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है. इस खबर आने के बाद पूरे देश में न्याय की आवाज उठने लगी और ये जांच बंगाल पुलिस के हाथ से CBI के पास चला गया.
जैसे-जैसे जांच बढ़ती जा रही है, इसमें ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. जांच में सामने आया कि 8 और 9 अगस्त के दौरान संजय रॉय अलग-अलग बहानों से कुल चार बार आरजी कर अस्पताल के अंदर गया था. इनमें से तीन बार तो वो अस्पताल के अंदर घूम फिर कर, राउंड लगा कर बाहर निकल आया लेकिन चौथी बार उसने ट्रेनी डॉक्टर के साथ जो किया, वो पूरे देश ने जाना. यह भी सामने आया है कि संजय रॉय वारदात वाली रात अस्पताल के पास ही एक रेड लाइट एरिया में भी गया था और वहां लौटते हुए उसने रास्ते में भी एक लड़की से छेड़छाड़ की थी.
जांच का दायरा बढ़ा, नया खुलासा हुआ
इस रेप कांड से पूरे देश के संवेदनशील नागरिक शर्मसार है लेकिन हालात पर ज्यादा अचरज आपको तब होगा जब इस कांड की जांच में ये भी मालूम पड़ रहा है कि अस्पताल के अंदर से लाशें भी बेची जा रही थीं. कोलकाता आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिसिंपल पर लावारिस शवों को बेचने बायोमेडिकल वेस्ट की गैरकानूनी ट्रैफिकिंग करने और भ्रष्टाचार करने का आरोप भी लगा है. जो अस्पताल के ही पूर्व डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने लगाया है. अख्तर अली ने बताया है कि मामले की शिकायत उन्होंने विजिलेंस डिपार्टमेंट और एंटी करप्शन ब्यूरो में भी दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अली ने बताया कि एक शिकायत बायोमेडिकल वेस्ट की तस्करी के बारे में भी की थी.
मेडिकली इस्तेमाल की गई सीरिंज और हैंड ग्लव्स जैसे मेडिकल वेस्ट का निपटान कीटाणुशोधन मानदंडों के अनुसार किया जाना चाहिए लेकिन डॉ घोष ये सब बांग्लादेशी लोगों को बेचते थे. उन्होंने आगे कहा कि खान नाम का एक सुरक्षा अधिकारी इस तस्करी में शामिल था. अली ने डॉ घोष पर काम के ऑर्डर या ठेके देने के लिए 20 फीसदी रिश्वत लेने और जानबूझकर छात्रों को फेल करने का भी आरोप लगाया. यानि बात निकली तब ये खुलासे हुए अब जान की बलि लेकर हुए हादसों और उसके बाद हुए खुलासों की लिस्ट भी आपको बताते हैं.