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महाराष्ट्र में क्यों नहीं हो रहे हरियाणा के साथ चुनाव, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताई वजह

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नई दिल्ली – चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन महाराष्ट्र और झारखण्ड में चुनाव की घोषणा नहीं की गई।  मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में बरसात के चलते चुनावी तैयारी नहीं है। इसके अलावा महाराष्ट्र में गणपति फेस्टिवल, पितृ पक्ष और नवरात्रि को देखते हुए भी वहां फिलहाल चुनाव बाद में करवाने का फैसला किया है।

पिछली बार महराष्ट्र में चुनाव 19 अक्तूबर को हुए थे जबकि हरियाणा का चुनाव 21 अक्तूबर 2019 को था लेकिन इस बार हरियाणा के साथ महाराष्ट्र के चुनाव नहीं हो रहे।  मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पिछली बार जम्मू कश्मीर की स्थिति अलग थी और 2014 में जम्मू कश्मीर में 5 चरणों में नवंबर और दिसंबर के मध्य हुए थे लेकिन इस बार राज्य में धारा 370 हटाने के बाद पहले चुनाव हैं और चुनाव भी तीन चरणों में करवाया जा रहा है। लिहाजा चुनाव आयोग एक साथ सारे राज्यों में चुनाव करवाने की स्थिति में नहीं है। इसी कारण जम्मू कश्मीर के साथ सिर्फ हरियाणा के चुनाव करवाए  जा रहे हैं।

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने आज (शुक्रवार) को विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हुई। जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होंगे। यहां पहले चरण के 18 सितंबर, दूसरे चरण के 25 को और 1 अक्तूबर को आखिरी चरण की वोटिंग होगी, जबकि 4 अक्तूबर को गिनती होगी। वहीं हरियाणा में 1 को वोटिंग और 4 को मतगणना होगी।  हाल ही में चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें 74 जनरल, 9ST, और 7 SC रिजर्व सीट हैं। कुल 87.09 लाख वोटर हैं, जिसमें 44.46 लाख पुरुष, 44.62 लाख महिलाएं और 169 ट्रांसजेंडर हैं। मतदाताओं में 82,590 दिव्यांगजन, 73,943 वरिष्ठ नागरिक, 2,660 शतायु वृद्ध और 76,092 सेवा मतदाता हैं। उन्होंने कहा, 3.71 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं।