मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा। बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
केरल – वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक करीब 200 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। यह आंकड़ा अभी और भी अधिक बढ़ सकता है। इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भूस्खलन को लेकर वायनाड में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों से 144 शव बरामद किए गए हैं और लगभग 191 लोग अभी भी लापता हैं।विजयन ने कहा कि 200 से ज्यादा लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। वहीं 5,592 लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षति जगहों पर पहुंचाया गया है।सीएम ने कहा, “अभूतपूर्व त्रासदी है। अब तक 144 शव बरामद किए गए हैं। 79 पुरुष और 64 महिलाएं हैं। 191 लोग लापता हैं। भूस्खलन वाली जगह से लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। आदिवासी परिवारों को निकाला जा रहा है और जो तैयार नहीं हैं उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 1592 लोगों को बचाया जा चुका है।
विजयन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस दावे का खंडन किया कि भारी बारिश की वजह से वायनाड में संभावित आपदा के बारे में राज्य सरकार को 23 जुलाई को ही चेतावनी दी गई थी।विजयन ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भूस्खलन से पहले वायनाड में केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया था।सीएम ने कहा कि ये आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है।
मुख्यमंत्री ने बयां कि दर्द
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा अभूतपूर्व त्रासदी है। अब तक 144 शव बरामद किए गए हैं। 79 पुरुष और 64 महिलाएं हैं। 191 लोग लापता हैं। भूस्खलन वाली जगह से लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। आदिवासी परिवारों को निकाला जा रहा है और जो तैयार नहीं हैं उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 1592 लोगों को बचाया जा चुका है।
“63 परिवारों के 206 लोगों को भूकंप के केंद्र से तीन शिविरों में भर्ती कराया जा रहा है। 1386 लोगों को बाकी सात शिविरों में भर्ती कराया गया है।90 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं सहित 8,017 लोगों को उस जिले में कार्यरत 82 शिविरों में शिफ्ट किया गया है। नदी के माध्यम से बहकर मलप्पुरम पहुंचने वाले शवों को बरामद करने के लिए तटरक्षक बल की टीम भी वहां पहुंच गई है।”