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संसद भवन की लॉबी में पानी का रिसाव क्यों हुआ? लोकसभा सचिवालय ने बताई हकीकत

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दिल्ली में बुधवार को हुई भारी बारिश की वजह से संसद भवन की लॉबी में पानी का रिसाव होने की घटना सामने आई थी. इस पर लोकसभा सचिवालय का बयान आया है. सचिवालय ने कहा है कि लॉबी के ऊपर ग्लास डोमस को फिक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडहेसिव थोड़ा हट गया, जिससे लॉबी में पानी का मामूली रिसाव हो गया.

दिल्ली में बुधवार को भारी बारिश हुई थी. इससे राजधानी के कई इलाकों में सड़कें तालाब बन गईं. लोगों को जाम से जूझना पड़ा था. बारिश से बेहाल हुई दिल्ली की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तैर रहे हैं. इसी कड़ी में संसद भवन की लॉबी में पानी का रिसाव होने की चर्चा तेज हो गई. इसको लेकर लोकसभा सचिवालय का बयान आया है.

सचिवालय ने कहा है कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि बुधवार को दिल्ली में भारी बारिश के कारण नए संसद भवन की लॉबी में पानी का रिसाव हुआ, जिससे भवन की सुदृढ़ता के विषय में संदेह उत्पन्न हो गया है. रिपोर्ट्स में यह भी देखा गया है कि परिसर के आसपास जलभराव देखा गया. खासकर नई संसद के मकर द्वार के पास. जलभराव के कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे हैं.

एडहेसिव हटने से पानी का मामूली रिसाव हुआ

इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि ग्रीन पार्लियमेंट की संकल्पना के अनुसरण में लॉबी सहित भवन के कई हिस्सों में ग्लास डोमस लगाए गए हैं. ताकि संसद के दैनिक कामकाज में प्रचुर प्राकृतिक रोशनी का उपयोग किया जा सके. बुधवार को भारी बारिश के दौरान बिल्डिंग की लॉबी के ऊपर ग्लास डोमस को फिक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडहेसिव थोड़ा हट गया, जिससे लॉबी में पानी का मामूली रिसाव हो गया.

मकर द्वार के सामने जमा पानी निकल गया

हालांकि, समस्या का समय पर पता चल गया और तुरंत आवश्यक उपाय किए गए. इसके बाद पानी का कोई और रिसाव नहीं देखा गया. इसी तरह मकर द्वार के सामने जमा पानी भी तेजी से ड्रेनेज सिस्टम के द्वारा निकल गया. बता दें संसद भवन की लॉबी में पानी को लेकर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने भी एक वीडियो शेयर किया था और सवाल उठाए थे.

इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, ‘इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे. क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें. कम-से-कम तब तक के लिए जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है’.

‘जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनाई गई डिजाइन का हिस्सा होता है या फिर