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प्रधानमंत्री ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा, रोजगार के मोर्चे पर स्थिति गंभीर – जयराम रमेश

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नई दिल्ली – कांग्रेस ने देश में आठ करोड़ नौकरियों के सृजन से संबंधित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने तथा ध्यान भटकाने का काम किया है, जबकि हकीकत यह है कि रोजगार के मोर्चे पर स्थिति गंभीर है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की तरफ से जिस “रोजग़ार वृद्धि” का दावा किया जा रहा है उसमें महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अवैतनिक घरेलू काम को भी “रोजग़ार” के रूप में दज.र् किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत शनिवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन से चार वर्ष में देश में आठ करोड़ नयी नौकरियां उपलब्ध हुईं जिसने बेरोजगारी के बारे में फर्जी बातें फैलाने वालों की बोलती बंद करा दी.

रमेश ने एक बयान में कहा, ”ऐसे समय में जब भारत गंभीर रूप से ‘मोदी-मेड बेरोजग़ारी’ संकट का सामना कर रहा है, जब हर नौकरी के लिए लाखों युवा आवेदन कर रहे हैं, तब स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, ध्यान भटकाने और वास्तविकता से इंकार करने में लगे हैं.”

उन्होंने दावा किया, ”आरबीआई के नए अनुमान के आधार पर सरकार जॉब मार्केट में तेज.ी का दावा कर रही है. स्व-नियुक्त परमात्मा के अवतार ने ख.ुद यह दावा किया है कि अर्थव्यवस्था ने आठ करोड़ नौकरियां पैदा की हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि रोजग़ार के आंकड़ों में कथित वृद्धि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की गंभीर वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है, जहां निजी निवेश कमज.ोर रहा है और उपभोग में वृद्धि बेहद सुस्त है. ” रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार ने रोजग़ार की गुणवत्ता और परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना, रोजग़ार की बहुत विस्तृत परिभाषा अपनाकर, रोजग़ार सृजन का दावा करने के लिए कुछ कलात्मक सांख्यिकीय बाज.ीगरी की है.

उनका कहना था, ”जो “रोजग़ार वृद्धि” का दावा किया जा रहा है उसमें महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अवैतनिक घरेलू काम को भी “रोजग़ार” के रूप में दज.र् किया गया है. यह रोजग़ार वृद्धि के दावे का एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन इसमें कोई वेतन नहीं मिलता.” कांग्रेस नेता के अनुसार, ख.राब आर्थिक माहौल के बीच, श्रम बाजार में वेतनभोगी, औपचारिक रोजग़ार की हिस्सेदारी में कमी आई है तथा श्रमिक कम उत्पादकता वाली असंगठित और कृषि क्षेत्र की नौकरियों की ओर जा रहे हैं जो एक आर्थिक त्रासदी है.

उन्होंने कहा, ”आठ करोड़ नई नौकरी वाली सुर्खियों में नौकरियों की गुणवत्ता पर चर्चा उस तरह से नहीं हुई. लेकिन यह हास्यास्पद है कि सरकार इन कम उत्पादकता, कम वेतन वाली नौकरियों के ‘सृजन’ को एक उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.” रमेश ने दावा किया, ”आगामी बजट भी निस्संदेह अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश करने के लिए आरबीआई डेटा का उपयोग करेगा. लेकिन, नौकरियों के मोर्चे पर वास्तविक हालात बेहद गंभीर है और यह बड़े पैमाने पर बेरोजग़ारी और कम गुणवत्ता वाले रोजग़ार दोनों के कारण है. अगले मंगलवार को बजट भाषण में इस दोहरी त्रासदी को निश्चित रूप से नज.रअंदाज. किया जाएगा.”

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नीतीश को पूरी ताकत लगा देनी चाहिए 

कांग्रेस ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सिर्फ बातें करने का आरोप लगाया और कहा कि वह वर्तमान समय में इस मांग को पूरा करवाने की स्थिति में हैं और इसे लेकर उन्हें पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर भी यही बात लागू होती है. बिहार सरकार के मंत्रियों ने रविवार को दावा किया कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2023-24 की नवीनतम रिपोर्ट ने केंद्र से अधिक वित्तीय सहायता की राज्य सरकार की मांग की पुष्टि की है.

नीति आयोग ने 12 जुलाई को ‘एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24’ जारी किया. कुछ पैमानों पर स्थिति में सुधार के बावजूद इसमें बिहार सतत विकास का आकलन करने वाले ‘एसडीजी इंडिया इंडेक्स’ में सबसे निचले पायदान पर है. रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”बिहार के वरिष्ठ मंत्री अब बोल रहे हैं कि नीति आयोग का ताज.ा विश्लेषण, राज्य को केंद्र की तरफ. से मिलने वाली सहायता के मामले में विशेष राज्य के दज.र्े समेत उनकी अन्य मांग को सही ठहराता है. अन्य फ.ायदों के अलावा, इसका मुख्य रूप से यह मतलब है कि ऐसी सहायता का 70 प्रतिशत ऋण के रूप में होने के बजाय, केवल 10 प्रतिशत होगा.”

नेताओं की सुरक्षा को लेकर घटिया राजनीति नहीं होनी चाहिए

कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाए जाने के बाद सोमवार को उस पर पलटवार किया और कहा कि नेताओं की सुरक्षा के मुद्दे पर घटिया राजनीति नहीं होनी चाहिए. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा लोगों को पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और पूरे गांधी परिवार के खिलाफ झूठ फैलाकर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के विरुद्ध भड़का रहे हैं.

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हमले के बाद राहुल गांधी पर निशाना साधा था और विपक्ष के नेता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था.

खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नेताओं की सुरक्षा के मुद्दे पर घटिया राजनीति नहीं की जानी चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी को दक्षिणपंथी आतंकवादियों के हाथों खो दिया. हमने आतंकवादियों के हाथों दो प्रधानमंत्रियों को खो दिया. भाजपा सरकार में हमने अपना संपूर्ण छत्तीसगढ. नेतृत्व नक्सलवादियों के हाथों खो दिया.” उन्होंने दावा किया, “प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा लोगों को नेहरू जी, इंदिरा जी और पूरे गांधी परिवार के खिलाफ झूठ फैलाकर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ भड़का रहे हैं. उन्होंने रहस्यमय तरीके से उनकी एसपीजी सुरक्षा भी वापस ले ली.”