भारत ने एक बार फिर पाक की नापाक करतूतों का पर्दाफाश किया है! सुरक्षा एजेंसियों ने तमिलनाडु के एक बंदरगाह पर चीन से पाकिस्तान जा रही एक और खेप जब्त की है.
चेन्नई – सुरक्षा एजेंसियों ने तमिलनाडु के एक बंदरगाह पर अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिबंधित रसायनों की चीन से आई एक खेप जब्त की है जो माना जा रहा है कि पाकिस्तान के जैविक और रासायनिक युद्ध कार्यक्रम के लिए थी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
यह खेप ऑर्थो-क्लोरो बेंजिलिडीन मैलोनोनाइट्राइल या सीएस की थी जिसका इस्तेमाल आंसू गैस और दंगा नियंत्रण एजेंट के रूप में किया जाता है. अधिकारियों ने बताया कि सीमाशुल्क विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु के कट्टूपल्ली बंदरगाह पर इस खेप को रोका था. सीएस अंतरराष्ट्रीय समझौतों और भारत की निर्यात नियंत्रण सूची के तहत दोहरे उपयोग वाला रसायन है. दंगा नियंत्रण एजेंटों के रूप में इसका असैन्य उपयोग होता है, लेकिन जब्त की गई इतनी बड़ी मात्रा इसके संभावित सैन्य उपयोग की आशंका के बारे में चिंता पैदा करती है.
चीनी कंपनी चेंग्दू शिचेन ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड की ओर से 2,560 किलोग्राम वजनी खेप पाकिस्तान में रावलपिंडी स्थित रक्षा आपूर्तिकर्ता रोहेल एंटरप्राइजेज के लिए भेजी गई थी. अधिकारियों ने कहा कि 25 किलोग्राम के 103 ड्रमों में रखी गयी यह सामग्री 18 अप्रैल, 2024 को चीन के शंघाई बंदरगाह पर मालवाहक जहाज ‘ुडई शंघाई (साइप्रस के ध्वज के साथ संचालित) में लादी गयी थी. कराची की ओर जा रहा जहाज आठ मई, 2024 को कट्टूपल्ली बंदरगाह पहुंचा.
अधिकारियों ने कहा कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने नियमित जांच के दौरान खेप को रोक लिया क्योंकि रसायन का नाम भारत की निर्यात नियंत्रण सूची ‘स्कोमेट’ (विशेष रसायनों, जीवों, सामग्रियों, उपकरण और प्रौद्योगिकियों) के तहत एक नियंत्रित पदार्थ के रूप में शामिल था. अधिकारियों ने कहा कि रसायन की और अधिक जांच करने के बाद, यह पाया गया कि यह खेप ‘वासेनार व्यवस्था’ के तहत सूचीबद्ध एक पदार्थ की है. भारत ने ‘वासेनार व्यवस्था’ पर दस्तखत किए हैं.
इस खेप को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 और सामूहिक विनाश के हथियार और वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया. पाकिस्तान और चीन ‘वासेनार व्यवस्था’ में पक्ष नहीं हैं. जुलाई 1996 में स्थापित ‘वासेनार व्यवस्था’ एक स्वैच्छिक निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है. समूह में 42 सदस्य हैं. इसके सदस्य पारंपरिक हथियारों के हस्तांतरण और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों पर जानकारी साझा करते हैं.
अधिकारियों के अनुसार इतनी बड़ी मात्रा में रसायन की खेप ने इसके संभावित सैन्य उपयोग को लेकर चिंता पैदा कर दी. पाकिस्तान में जारी आंतरिक संघर्षों के मद्देनजर भी यह चिंता पैदा करने वाली बात है जहां सुरक्षा बल बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आंदोलनों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. खेप को इन खबरों के बीच जब्त किया गया है कि चीन पाकिस्तान को दोहरे इस्तेमाल वाली अन्य सामग्री भेज रहा है.
यह पाकिस्तान की सैन्य प्रगति में सहायता करने में चीन की मिलीभगत को भी रेखांकित करता है. पिछली घटनाएं भी दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और नियंत्रित पदार्थों की आपूर्ति के पैटर्न की ओर इशारा करती हैं. गत मार्च में भी सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के रक्षा उद्योग के लिए भेजी जा रही अत्यधिक सटीकता वाली ‘कम्प्यूटर न्यूमेरिकल कट्रोल’ (सीएनसी) मशीनरी जब्त की थी. अप्रैल में अमेरिका ने चीन की तीन कंपनियों पर पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए कलपुर्जों की आपूर्ति करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
अधिकारियों ने कहा कि इस साल की शुरुआत में सीएनसी मशीनरी जब्त करने से पता चला कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का घोर उल्लंघन हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच संवेदनशील उपकरणों के हस्तांतरण के लिए जमीनी मार्गों के उपयोग की आशंका इस गैरकानूनी साझेदारी में जटिलता का एक और स्तर जोड़ती है. अधिकारियों ने कहा कि चीन द्वारा सर्मिथत पाकिस्तान की गुप्त गतिविधियां क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करती हैं और उन्होंने ऐसे प्रसार प्रयासों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.