नारायण साकार हरि के नाम से मशहूर संत के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई. पश्चिमी यूपी के कई जिलों में उनका कार्यक्रम होता है और बाकयदा पुलिस इसकी अनुमति देती है.
उत्तर प्रदेश – हाथरस – एटा सीमा पर एक सत्संग के दौरान 27 लोगों की मौत हो गई. समाचार लिखे जाने तक सामने आई जानकारी के अनुसार यह सत्संग संत भोले बाबा का था. संत भोले बाबा का प्रवचन सुनने के लिए हाथरस एटा बॉर्डर के पास स्थित रतीभान पुर में बहुत बड़ी संख्या में लोग जमा थे.
पंडाल में भयानक उमस और गर्मी के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी.
सत्संग पंडाल में भगदड़ से अब तक 27 की मौत हो चुकी है. मरने वालों में 25 महिलाएं और 2 बच्चे हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. काफी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे घायल हैं. जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. CMO एटा ने 25 महिलाएं और 2 बच्चों की कुचलकर मौत से पुष्टि कर दी है.
नारायण साकार हरि के नाम से प्रसिद्ध संत पश्चिमी यूपी में ज्यादा प्रचलित हैं. थ्री पीस सूट पहनकर वह भक्तों को मोहमाया से ऊपर उठकर ईश्वर की भक्ति में लीन होने का ज्ञान देते हैं.
कौन हैं नारायण साकार हरि ?
सफेद सूट और टाई पहनकर प्रवचन देते हैं
मूल रूप से एटा जिले के बहादुर नगरी के रहने वाले
खुफिया विभाग में सरकारी नौकरी करते थे
1990 में नौकरी से इस्तीफा दिया
नौकरी छोड़ने के बाद अध्यात्म में रम गए
कोरोना में सत्संग करके चर्चा में आए थे
पत्नी के साथ मंच से प्रवचन करते हैं
सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है
बनाई गई जांच कमेटी
नारायण हरि का कनेक्शन सियासत से भी है. कुछ मौकों पर यूपी कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा जा चुका है. इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है.
इस हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की एक कमेटी बनाई गई है. सीएम कार्यालय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.