गरियाबंद – मामला जिला गरियाबंद के विकास खंड छुरा अंतर्गत ग्राम हीराबतर का है जहां शिक्षकों की कमी के चलते पालकों ने अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने का निर्णय लिया है और आज प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय खुला तो है और शिक्षक भी उपस्थित हैं लेकिन एक भी छात्र छात्राएं विद्यालय नहीं पहुंचे हैं। पालकों की मानें तो प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षक हैं जिसके चलते पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पाता है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो जाने के चलते प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय एक ही विद्यालय में संचालित है जिससे बच्चों को काफी दिक्कतें होती है और वहां भी मात्र तीन शिक्षक हैं।
हम पिछले दो वर्षों से इन समस्याओं से जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को रूबरू कराते हुए इन समस्याओं का समाधान के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक इन समस्याओं समाधान अब तक नहीं हो पाया जिसके चलते पालकों ने अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने का निर्णय लिया है जिसके चलते आज प्राथमिक विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक भी छात्र छात्राएं नहीं पहुंचे, वहीं दोनों विद्यालय के शिक्षक खाली विद्यालय में ड्यूटी कर रहे हैं। वहीं छुरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों का चयन मेरे हाथ में नहीं है वहीं प्राथमिक विद्यालय में प्रधान पाठक पिछले सत्र से ज्वाइनिंग तो किया है लेकिन पूर्व पदस्थ विद्यालय में शिक्षक नहीं पहुंचने के चलते वे पूर्व पदस्थ विद्यालय में ही हैं। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधान पाठक रिटायर होने के बाद वहां दुसरा प्रधान पाठक अब तक नहीं नहीं पहुंचे हैं। प्रशासन और सरकार के द्वारा शिक्षा को बेहतर बनाने हेतु कई बड़ी बड़ी बातें तो की जाती है लेकिन धरातल पर अभी भी कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं भवन की कमी है और यह समस्या कब तक दुर हो पायेगी यह एक सोचनीय विषय है।