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अब बिहार के मधुबनी में गिरा निर्माणाधीन पुल, 11 दिनों के अंदर राज्य में पांचवां पुल ध्वस्त

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सूत्रों ने दावा किया कि जिला प्रशासन को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, वहीं संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है। दो वर्ष से अधिक समय से निर्माणाधीन इस पुल के ढह जाने का वीडियो सार्वजनिक हुआ है। राज्य…

मधुबनी – बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। किशनगंज के बाद शुक्रवार को मधुबनी जिले में एक निर्माणाधीन पुल गिरने के मामला सामने आया है। पिछले 11 दिनों के अंदर बिहार में यह पांचवीं ऐसी घटना हैं। हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

3 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था पुल
जानकारी के अनुसार, घटना मधुबनी जिले के भेजा थाना क्षेत्र की है, जो राज्य के उत्तरी छोर पर नेपाल की सीमा पर स्थित है। अधिकारियों ने हालांकि इस घटना के कोई जानकारी नहीं दी लेकिन ग्रामीण निर्माण विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया की है कि कुछ दिन पहले पुल का एक खंभा बह गया था। ग्रामीण निर्माण विभाग को 75 मीटर लंबे पुल के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि इस पुल का निर्माण लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से भुतही नदी पर किया जा रहा है।

जिला प्रशासन से मांगी गई जांच रिपोर्ट
जिला प्रशासन को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, वहीं संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया है। दो वर्ष से अधिक समय से निर्माणाधीन इस पुल के ढह जाने का वीडियो सार्वजनिक हुआ है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ‘एक्स’ पर वीडियो साझा करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘ बिहार में एक और पुल ढह गया। आपको पता चला? अगर नहीं, तो बताइए क्यों?”

इससे पहले इन जिलों में गिरा पुल 
बता दें कि 18 जून को एरिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया। बताया जाता है कि यह पल तकरीबन 40-45 साल पुराना था। इसके बाद 23 जून को पूर्वी चंपारण में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त होने का मामला सामने वहीं, 27 जून को बिहार के किशनगंज में भी कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया।