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🤔 झंगलू :- भइया मंगलू , मानसून हा अतेक काबर तरसावत हे ** लगथे , गर्मी संग मिल के मिली-जुली सरकार चलावत हे
😡 मंगलू :- मोला लगथे कि मानसून ला मौसम विभाग अउ मीडिया वाला मन के ” डेढ़ होशियारी ” बिल्कुल भी पसंद नइ आवत हे * ओखर मन के आंय – बांय भविष्यवाणी से मानसून कंझावत हे । मानसून के तेवर भी सनी देओल जइसे हे , लगत हे * बलवंत राय के कुकुर बनना ओला भी पसंद नइ हे , लगत हे । तू बोले तो बरस जाऊं , तू बोले तो रुक जाऊं , तू जहां बोले वहां गिरुं , तू जहां न बोलें वहां न गिरूं वाला बर्ताव ओला ठीक नइ लगत हे ** मानसून लटक गया , भटक गया , अटक गया जइसे जुमला से ओखर इगो हर्ट हे
विजय मिश्रा
🤪😛😡😡🫵👨🏻