पुणे – महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हिट एंड रन मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस मामले में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच का दावा के ही इन दोनों ने आरोपी नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट को बदलने के लिए रिश्वत ली थी। इन दोनों ने नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए उसके ब्लड सैंपल गायब कर दिए थे। इसी ब्लड सैंपल से इस बारे का पता लगाया जाना था कि नाबालिग आरोपी ने उस दिन शराब पी थी या नहीं। इस मामले में पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मामले की जानकारी दी।
अमितेश ने बताया कि पुणे पोर्श कार हादसे में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक डॉक्टर का नाम हैलनोर है। आरोपी डॉक्टर से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय तवारे के निर्देश पर ब्लड का सैंपल बदल दिया था। ये काम करने के लिए आरोपी डॉक्टर को तीन लाख रुपये मिले थे। पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी की ब्लड जांच के लिए सैंपल ससुन अस्पताल भेजा था। इन दोनों डॉक्टर्स ने मिली भगत से आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी दूसरे ब्लड सैंपल के साथ बदल दिया था।
कूड़ेदान में फेंक दिया ब्लड सैंपल
आरोप है कि नाबालिग के पिता ने खून के नमूने बदलने के लिए डा. तवारे को कॉल किया था। इस कॉल के बाद 19 मई को सुबह करीब 11 बजे ससून अस्पताल में लिया गया खून का नमूना अस्पताल के कूड़ेदान में फेंक दिया गया और दूसरे व्यक्ति का खून का नमूना लिया गया। इस सैंपल को फोरेंसिक लैब में भेजा गया। जांच के दौरान सीएमओ श्रीहरि हल्नोर ने इस ब्लड सैंपल को बदला। हमने पाया कि ससून के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी अजय तावरे के निर्देश पर श्रीहरि हल्नोर ने इसे बदल दिया।
आरोपियों को कोर्ट में किया जाएगा पेश
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आज दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा। ससून अस्पताल के सीसीटीवी का डीवीआर जब्त कर लिया गया है। डॉक्टरों को जालसाजी और सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए लोगों की पहचान डॉ. अजय तावरे और श्रीहरि हरनोर के रूप में की गई है।